नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आज देश के सबसे बड़े खेल पुरस्कार (AWARD) ‘राजीव गांधी खेल रत्न अवॉर्ड’ का नाम बदलकर मेजर ध्यानचंद खेल रत्न अवॉर्ड करने की घोषणा की है। प्रधानमंत्री ने कहा कि यह निर्णय उन्होंने देशवासियों के आग्रह के बाद लिया है। ‘राजीव गांधी खेल रत्न अवॉर्ड’ का प्रारंभ वर्ष 1991-92 में तत्कालीन नरसिम्हा राव सरकार ने किया था।
पीएम मोदी के इस गैरजरूरी निर्णय से देशव्यापी बहस शुरू हो गई है। इसी तर्ज पर अब लोग गुजरात के नरेंद्र मोदी स्टेडियम और दिल्ली के जेटली स्टेडियम का नाम बदले जाने की मांग कर रहे हैं। (AWARD)
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने ‘राजीव गांधी खेल रत्न अवॉर्ड’ का नाम बदलने की घोषणा भले ही आज की है, लेकिन मोदी सरकार ने देश के इस सबसे बड़े खेल पुरस्कार (AWARD) से राजीव गांधी का नाम गत वर्ष ही हटा दिया था।
2020 में मौजूदा महिला हॉकी टीम की कप्तान रानी रामपाल को यह पुरस्कार (AWARD) सिर्फ खेल रत्न के नाम से दिया गया था। पीएम मोदी के इस गैरजरूरी फैसले पर देशव्यापी बहस शुरू हो गई है। कांग्रेस समेत सभी विपक्षी पार्टियों ने पीएम मोदी के इस निर्णय को दुर्भाग्यपूर्ण करार दिया है।
कांग्रेस ने मोदी सरकार के इस फैसले को दुर्भाग्यपूर्ण करार दिया है। कांग्रेस नेता संजय निरुपम ने
ट्वीट कर कहा कि ‘ प्रिय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी, जनता की भारी मांग है कि अहमदाबाद के नए
स्टेडियम से अपना नाम हटाकर किसी खिलाड़ी के नाम पर कर दीजिये’। निरुपम ने आगे लिखा
कि ‘खिलाड़ियों के सम्मान में भी राजनीतिक दांवपेंच क्यों? (AWARD)
इसी तरह कांग्रेस नेता के. सुरेश ने पीएम के इस निर्णय को दुर्भाग्यपूर्ण बताते हुए कहा कि राजीव
गांधी देश को 21वीं सदी में लेकर गए। उन्होंने खेल और युवाओं को बढ़ावा दिया। ल्र्किन यह सरकार
भगवाकरण करना चाहती है, इसलिए इसने इस पुरस्कार का अलग नाम दिया।
इसी तरह पुण्य प्रसून बाजपेयी ने खेल रत्न पुरस्कार से पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी का नाम हटाए
जाने पर नाराजगी जाहिर करते हुए लिखा कि शानदार, मेजर ध्यानचंद खेल रत्न अवॉर्ड, आगे गुजरात
में नरेंद्र मोदी स्टेडियम, दिल्ली में अरुण जेटली स्टेडियम। (AWARD)
इसी तरह समाजवादी पार्टी के नेता आईपी सिंह ने पीएम मोदी पर निशाना साधते हुए कहा कि ‘मोदी जी
ने गुजरात के सबसे पुराने सरदार पटेल मोटेरा स्टेडियम का नाम खुद के नाम पर रख लिया था।
आईपी सिंह ने एक कहावत का भी उदाहरण दिया है। इसी तरह सोशल मीडिया पर तमाम देशवासी
अब इसी तर्ज पर नरेंद्र मोदी स्टेडियम और अरुण जेटली स्टेडियम का नाम बदले जाने की मांग कर रहे हैं।
सत्तारूढ़ बीजेपी प्रधामंत्री के इस निर्णय को ऐतिहासिक बता रही है। पूर्व क्रिकेट खिलाड़ी और बीजेपी
सांसद गौतम गंभीर ने कहा कि ये चीज पहले ही हो जानी चाहिए थी, जब खेल रत्न सम्मान शुरू हुआ
था, तभी किसी खिलाड़ी के नाम पर होना चाहिए था।
मेजर ध्यानचंद से बड़ा खिलाड़ी पूरे इतिहास में कोई नहीं है। मोदी सरकार के इस निर्णय से पूरा देश
खुश होगा और समर्थन देगा। (AWARD)
उल्लेखनीय है कि वर्ष 2014 में केंद्र की सत्ता में आने के बाद से ही बीजेपी ने नाम परिवर्तन का
सिलसिला ही शुरू कर दिया। स्टेशनों, स्थानों जिलों और यहां तक की जनहित की योजनाओं के
भी नाम बदले गए। (AWARD)
कांग्रेस मोदी सरकार सरकार के इन क़दमों का शुरू से ही विरोध करती रही है। हालांकि बीजेपी
केंद्र व यूपी की सरकारों के हर गलत फैसले को जनभावना के अनुरूप साबित करने का प्रयास
करती रही है। (AWARD)
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