हिन्दू पंचांग के अनुसार इस बार सावन मास में पड़ने वाला प्रदोष व्रत 20 अगस्त दिन शुक्रवार को है। यह व्रत श्रावण मास की शुक्ल पक्ष की त्रयोदशी की तिथि को रखा जाता है। सावन का पूरा महीना भगवान शिव को समर्पित होता है। इस महीने में पड़ने वाले प्रदोष व्रत को पूरी श्रद्धा और आस्था के साथ रखा जाता है।
सावन मास कब समाप्त हो रहा है?
भगवान शिव का प्रिय महीना सावन 22 अगस्त को शुक्ल पक्ष की पूर्णिमा तिथि पर समाप्त हो रहा है। सावन मास में पूजा करने से भगवान शिव प्रसन्न होते हैं और अपने भक्तों को आशीर्वाद प्रदान करते हैं।
प्रदोष व्रत का शुभ मुहूर्त
20 अगस्त दिन शुक्रवार को प्रदोष व्रत रखा जायेगा। हिन्दू पंचांग के अनुसार इस प्रदोष व्रत पर शुभ संयोग बनने जा रहा है। 20 अगस्त 2021 को रात 08 बजकर 50 मिनट तक त्रयोदशी तिथि रहेगी। प्रदोष व्रत आयुष्मान और सौभाग्य योग में रखा जाएगा। आयुष्मान योग 20 अगस्त को दोपहर 03 बजकर 32 मिनट तक रहेगा। इसके बाद सौभाग्य योग आरंभ हो जायेगा। ज्योतिष शास्त्र में इन दोनों योग को बेहद शुभ फल देना वाला माना गया है।
क्या होता है प्रदोष काल
प्रदोष व्रत में प्रदोष काल का विशेष महत्व है। धार्मिक मान्यता है कि प्रदोष काल संध्या के समय सूर्यास्त से लगभग 45 मिनट पहले शुरू होता है। प्रदोष काल में पूजा करने से भगवान शिव बहुत जल्दी प्रसन्न होते हैं। इस व्रत में भगवान शिव की विधि पूर्वक पूजा करनी चाहिए।