Prashant Kishor का कांग्रेस में शामिल होना नहीं होगा आसान, आएँगी इस तरह की अड़चने

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नई दिल्ली, 18 अप्रैल। चुनाव रणनीतिकार प्रशांत किशोर (Prashant Kishor) जल्द कांग्रेस के साथ नई राजनीतिक पारी शुरू कर सकते हैं। इस पर एक सप्ताह में तस्वीर साफ हो जाएगी। लेकिन यह निर्णय लेना आसान नहीं है। पार्टी के अंदर असंतुष्ट नेताओं समेत बड़ा तबका प्रशांत किशोर को शामिल करने के खिलाफ हैं।

Prashant Kishor

वहीँ नेताओं का कहना है कि प्रशांत (Prashant Kishor) के काम करने का तरीका कांग्रेस के तौर-तरीकों से मेल नहीं खाता है। कई नेता उनकी दूसरी पार्टियों से संबंधों को लेकर भी सवाल उठाते रहे हैं। एक वरिष्ठ नेता ने कहा कि प्रशांत पार्टी में शामिल होगें या नहीं, इस बारे में अंतिम निर्णय कांग्रेस अध्यक्ष को करना है।

बता दें कि पांच राज्यों में हार और और आगामी गुजरात-हिमाचल चुनाव को लेकर कांग्रेस नेतृत्व पर दबाव बढ़ा है। इसीलिए कांग्रेस ने फिर प्रशांत किशोर से बातचीत शुरू की है। पार्टी उन्हें गुजरात तक सीमित रखना चाहती थी, पर प्रशांत (Prashant Kishor) चाहते हैं कि उन्हें 2024 चुनाव की भी जिम्मेदारी मिले। एक असंतुष्ट नेता ने कहा कि कांग्रेस को फिर से मजबूत करने की कोशिशों में सभी का स्वागत है पर पार्टी की अपनी विचारधारा-परंपरा है। इसलिए प्रशांत की भूमिका तय करते वक्त इसका ध्यान रखना होगा। वरना नुकसान हो सकता है।

कांग्रेस नेताओं को 2024 की रणनीति का खाका पेश करते हुए प्रशांत किशोर (Prashant Kishor) ने सांप्रदायिक ध्रुवीकरण की दलील को खारिज कर दिया। उन्होंने कहा कि विधानसभा और लोकसभा चुनाव में भाजपा की जीत की वजह सिर्फ सांप्रदायिक ध्रुवीकरण नहीं है। सूत्रों के मुताबिक, राहुल गांधी भी इस दलील से सहमत दिखे।

वहीँ बताते चले कि गत वर्ष कुछ बिंदुओं पर सहमति न बन पाने की वजह से प्रशांत किशोर कांग्रेस में शामिल नहीं हो सके थे। एक वरिष्ठ नेता ने कहा कि प्रशांत चुनाव रणनीति तय करने में फ्री हैंड चाहते थे। इसलिए सहमति नहीं बन पाई थी। पर इस बार तस्वीर अलग है।

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