प्रयागराज। संगम नगरी में इन दिनों एक मुस्लिम युवक की सनातम धर्म में घरवापसी का मामला चर्चा का विषय बना हुआ है । 25 वर्षीय सलीम नामके मुस्लिम युवक ने झूसी क्षेत्र स्थित गंगा के किनारे कैलाश धाम आश्रम में चल रहे 201 कुंडीय महायज्ञ में विधिवत धर्म परिवर्तन कर सलीम से वेद व्रत आर्य हो गया। वेद व्रत आर्य के अनुसार उसने सनातन धर्म के उदारवादी रवैये से प्रभावित होकर घर वापसी की है।
जानकारी के अनुसार धर्म परिवर्तन करने वाला सलीम प्रयागराज के म्यौराबाद इलाके का निवासी है और बैटरी रिक्शा चलाता है। सलीम के मुताबिक़ जब छोटा था तो उसके पिता शराब के नशे में उसकी मां को अक्सर बुरी तरह पीटते थे। उस वक्त पड़ोस का ब्राह्मण परिवार सलीम की मां को उसके पिता के जुल्म से बचाता था और उन लोगों को खाना खिलाता था। अपने रिश्तेदारों की बेरुखी और ब्राह्मण परिवार की इसी हमदर्दी ने सलीम के मन में बचपन से ही सनातन धर्म के प्रति सम्मान का भाव पैदा किया।
सलीम के पिता की कई साल पहले मौत हो चुकी है। वर्तमान में उसके परिवार में उसकी मां और एक शादीशुदा बहन है। सलीम से वेद व्रत आर्य बन चुके सलीम का कहना है कि उसने बचपन से ही महसूस किया कि सनातन धर्म दूसरों के प्रति आदर व सम्मान सिखाता है। धर्म परिवर्तन के बाद वेद व्रत अब भगवान भोलेनाथ का भक्त बनकर गौरवान्वित महसूस कर रहा है। सलीम अंसारी का धर्म परिवर्तन कराने वाले उसके गुरु का कहना है कि सलीम के सनातन धर्म के प्रति अनुराग को देखते हुए उसकी घर वापसी कराई है। अब वह पूरी तरह शाकाहारी हो गया है।
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