इस्लामाबाद। पाकिस्तानी जनता को विकास के बड़े-बड़े सपने दिखाकर प्रधानमंत्री की कुर्सी पर काबिज हुए इमरान खान ने देश की अर्थव्यवस्था को बदहाल कर दिया है। हालत ये है कि पहली बार पाक का कुल कर्ज और देनदारी 50.5 ट्रिलियन रुपये के आंकड़े को पार कर गई है। बीते दिन यानी बुधवार को जारी हुए ताजा आधिकारिक में आंकड़ों पर गौर करें तो केवल इमरान खान के शासन काल में मात्र 20.7 ट्रिलियन रूपये की वृद्धि हुई।
पाकिस्तान के अखबार की एक रिपोर्ट के अनुसार स्टेट बैंक ऑफ पाकिस्तान ने सितंबर 2021 तक के कर्ज के आंकडे़ जारी कर दिए है। ये आंकड़े उस वक्त जारी किये गए जब एक दिन पहले ही पाक पीएम इमरान खान ने माना था कि बढ़ता हुआ कर्ज ‘राष्ट्रीय सुरक्षा का मुद्दा’ बन गया है। स्टेट बैंक ऑफ पाकिस्तान द्वारा जारी किये गए इन आंकड़ों से पता चलता है कि कुल कर्ज और सार्वजनिक कर्ज की वजह से इमरान सरकार की स्थिति लगातार खराब होती जा रही है।
इमरान सरकार के दौरान ही पाकिस्तान के कर्ज में 70 फीसदी का इजाफा हुआ। आंकड़े बताते है कि जून साल में 2018 प्रत्येक पाकिस्तानी नागरिक पर 144,000 रुपये का कर्ज था जो अब बढ़कर 235,000 हो गया है। ऐसे में ये कहा जा सकता है कि इमरान के शासन में देश के हर नागरिक पर 91 हजार रुपये का कर्ज बढ़ा है जो लगभग 63 प्रतिशत है। बता दें कि इमरान खान के राज में सार्वजनिक कर्ज में 16.5 ट्रिलियन न रुपये का इजाफा हुआ। प्रधानमंत्री इमरान खान का कहना है कि खर्च अधिक होने की वजह से पाकिस्तान निवेश नहीं कर पा रहा है और इससे देश का विकास नहीं हो पा रहा है।