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Up Kiran, Digital Desk: इंटरनेट पर अक्सर एक सवाल गूंजता है – “महाप्रलय कब होगी?” यह प्रश्न न सिर्फ आम लोगों के बीच बल्कि विशेषज्ञों के बीच भी चर्चा का विषय बना रहता है। भविष्यवाणियों की दुनिया में 2026 को लेकर कई अजीबोगरीब और घातक अनुमानों की झड़ी लग चुकी है। इस बार, जो भविष्यवाणियां सामने आ रही हैं, वो 2025 से भी ज्यादा खतरनाक हो सकती हैं। लेकिन क्या इनमें कोई सच्चाई है? क्या सच में आने वाला साल विनाश का प्रतीक बनने जा रहा है?
2026: क्या सच में 2025 से भी खतरनाक होगा?
भविष्यवाणियों के जानकार, जैसे कि बाबा वेंगा और नास्त्रेदमस, साथ ही साथ कुछ ज्योतिषी भी इस बात की भविष्यवाणी कर रहे हैं कि 2026 एक अत्यधिक संकटपूर्ण वर्ष हो सकता है। अगर हम शास्त्रों और प्राचीन गणनाओं की बात करें, तो आगामी वर्ष में हालात गंभीर हो सकते हैं।
रौद्र संवत्सर का आना: एक नया संकट
हिंदू कैलेंडर के अनुसार, इस समय विक्रम संवत 2082 चल रहा है, लेकिन 19 मार्च 2026 से 2083 का रौद्र संवत्सर प्रारंभ होगा। और जैसा कि नाम से ही प्रतीत होता है, यह संवत्सर मानवता के लिए बेहद खतरनाक साबित हो सकता है। रौद्र का अर्थ ही है ‘प्रलयंकारी’ और इस संवत्सर के दौरान न केवल प्राकृतिक आपदाएं, बल्कि राजनीतिक संघर्ष और युद्धों का भी सामना करना पड़ सकता है।
कोहराम मचाने वाली घटनाएं
सभी भविष्यवाणियों में यह दावा किया जा रहा है कि रौद्र संवत्सर के दौरान देश-दुनिया में भारी हलचल मचेगी। युद्ध, रक्तपात, प्राकृतिक आपदाएं – जैसे भूकंप, बाढ़, और भूस्खलन – इन सभी घटनाओं के होने की संभावना जताई जा रही है। विशेषज्ञों का मानना है कि इस संवत्सर के दौरान विभिन्न देशों के बीच संघर्ष बढ़ सकता है और महायुद्ध की स्थिति बन सकती है।
ग्रहों की स्थिति और उनका प्रभाव
अगर हम ज्योतिषीय दृष्टिकोण से देखें, तो शनि, मंगल, राहु-केतु जैसे ग्रहों की स्थिति विकराल हो सकती है। इन ग्रहों का पृथ्वी पर प्रभाव हर दृष्टिकोण से विनाशकारी हो सकता है। विशेषज्ञों का कहना है कि इन ग्रहों की स्थिति जीवन को प्रभावित कर सकती है और यह संकटों का कारण बन सकती है।
अगस्त 2026: एक निर्णायक मोड़
इससे भी अधिक चिंताजनक भविष्यवाणी यह है कि 12 से 15 अगस्त 2026 के बीच गुरु, चंद्र और सूर्य जैसे तीन प्रमुख ग्रह एक ही राशि और नक्षत्र में आने वाले हैं। इस खगोलीय घटना का प्रभाव बहुत गंभीर हो सकता है। इन ग्रहों की स्थिति प्राकृतिक आपदाओं और अन्य संकटों को जन्म दे सकती है। यही कारण है कि भविष्यवक्ताओं ने इन दिनों को विशेष रूप से चेतावनी देते हुए कहा है कि यह समय अत्यधिक सावधानी बरतने का होगा।
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