Pukhraj : इन राशियों के जातकों को सूट करेगा पुखराज, धारण करते ही चमक जाएगी किस्मत

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ज्योतिष में रत्नों का भी विशेष महत्व बताया गया है। दरअसल हर रत्न का किसी न किसी ग्रह से जुड़ा हुआ है और वह उसके अशुभ प्रभाव को कम करता है। ज्योतिष शास्त्र में बताया गया है कि अगर रत्न व्यक्ति को सूट कर जाए तो ये उसकी किस्मत बदल देता है। आज हम बात करेंगे गुरु ग्रह के रत्न पुखराज की। पुखराज सुनहरे रंग का होता है और कुंडली में सबसे शुभ ग्रह बृहस्पति को मजबूत करता है। ज्योतिषी कहते हैं कि यदि पुखराज नहीं धारण कर सकते तो आप इसके स्थान पर इसका उपरत्न टोपाज पहन सकते हैं। ये रत्न भी पुखराज जितना ही कारगर होता है और वैसा ही फल देता है।

इन राशियों के लिए पुखराज सबसे शुभ

ज्योतिष शास्त्र में बताया गया है कि पुखराज धनु और मीन राशि के जातकों के लिए शुभ फलदायी है क्योंकि इन दोनों ही राशियों के स्वामी ग्रह देवगुरु बृहस्पति हैं और पुखराज देवगुरु का ही रत्न है। माना जाता है कि इन दोनों ही राशियों के लिए ये रत्न वरदान साबित हो सकता है। ये रत्न इनके अंदर आत्मविश्वास को बढ़ाता है। साथ ही इनकी आर्थिक स्थिति भी सुदृढ़ करता है। ये रत्न इन राशियों के लोगों की प्रतिभा को भी उभारने का काम करता है। नौकरी हो या बिजनेस हर क्षेत्र में तरक्की दिलाता है और स्वास्थ्य के लिहाज से भी ये रत्न शुभ फलदायी होता है। मान्यता है कि इस रत्न के शुभ प्रभाव से वैवाहिक जीवन में आ रही अड़चन भी दूर हो जाती हैं और जीवन सुखमय बीतता है। धनु और मीन राशि के जातकों के अलावा पुखराज कर्क और सिंह वालों के लिए शुभ फलदयी होता है।

कब और कैसे करें धारण

इस रत्न को गुरुवार के दिन धान करना चाहिए। जब भी इस रत्न को अंगूठी में जड़वायें तो इस बात का ध्यान रखें कि ये पहनने के बाद आपकी उंगली की त्वचा से स्पर्श करे। इस रत्न जड़ित अंगूठी को गुरुवार के दिन सुबह स्‍नान करने के बाद दूध और गंगाजल में डालें और फिर इसके बाद इसे शहद से स्‍नान करवाएं और फिर इस साफ पानी धोकर अपनी तर्जनी उंगली में धारण कर लें। ध्यान रखें कि अंगूठी को पहनते समय ‘ऊं ब्रह्म ब्र्हस्पतिये नमः’ मंत्र का जाप भी करते रहें।

इन राशियों के लोग न पहनें

वृष, मिथुन, कन्या, तुला, मकर और कुम्भ राशि के लोगों को बिना ज्योतिषी की सलाह के पुखराज नहीं पहनना चाहिए क्योंकि इन राशियों के लिए ये रत्न शुभ फलदायी नहीं माना जाता है। इस रत्न को धारण करते समय इस बात का भी ध्यान रखना चाहिए कि इसे पन्ना, गोमेद, नीलम, हीरा और लहसुनिया के साथ न पहनें अन्यथा ये अशुभ फल देने लगता है।

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