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Punjab News: पटियाला जेल में कैद बलवंत सिंह राजोआना बुधवार को जेल से बाहर आ गए। वो लुधियाना के गांव राजोआना कलां में मंजी साहिब गुरुद्वारे में अपने भाई के भोग कार्यक्रम में शामिल हुए। इसलिए पुलिस प्रशासन उन्हें कड़ी सुरक्षा के बीच पटियाला जेल से लुधियाना लेकर आया है।

अकाल तख्त साहिब के जत्थेदार रघबीर सिंह, एसजीपीसी अध्यक्ष एडवोकेट हरजिंदर सिंह धामी और शिरोमणि अकाली दल के वरिष्ठ नेता बिक्रम सिंह मजीठिया ने बलवंत सिंह राजोआना से मुलाकात की।

अंतिम अरदास के बाद बलवंत सिंह राजोआना ने लोगों और मीडिया से बातचीत की. उन्होंने कहा कि वो सालों से कोर्ट के फैसले का इंतजार कर रहे हैं. उन्होंने मौत की सज़ा के विरुद्ध अपील नहीं की। मगर खालसा पंथ ने उनकी सजा पर रोक लगा दी थी. सिखों को लेकर उन्होंने कहा कि आज सिखों को एकजुट होने की जरूरत है. आज आपसी झगड़ों के कारण सिख संगठन कमजोर हो गए हैं।

बलवंत सिंह राजोआना ने भी कहा कि उनके साथ अन्याय हुआ है. 18 साल से उन्हें जानबूझ कर बंद रखा गया है. चूँकि हमारी संस्थाएँ कमज़ोर हैं, दुश्मन के हाथ हमारे गले तक पहुँच गए हैं। आपसी टकराव के कारण ही हमारी संस्थाएं कमजोर हुई हैं। जो लोग हमें सोने-चांदी से तौलने की बात करते हैं, उन्होंने ही बाद में हमें पत्थरों से मारा है।

उन्होंने अपनी बात जारी रखते हुए कहा कि मैं आज यहां सिर्फ एसजीपीसी की वजह से हूं. राजोआना ने समिति अध्यक्ष धामी और अकाली नेता बिक्रम सिंह मजीठिया का भी धन्यवाद किया।
 

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