कई लोग खाने के साथ दही को सलाद, बूंदी रायता के रूप में खाना पसंद करते हैं. वैसे तो दही के कई फायदे हैं, लेकिन इससे ज्यादा से ज्यादा स्वास्थ्य लाभ पाने के लिए इसके सेवन के कुछ आयुर्वेदिक नियमों का पालन करना चाहिए। आयुर्वेद के अनुसार, दही वजन को बढ़ाता है, कफ और पित्त को बढ़ाता है (वात को कम करता है) और पाचन अग्नि (पाचन शक्ति) को बढ़ाता है। इसलिए दही का सेवन करते समय नियमों का पालन करना चाहिए। आज हम जानेंगे कि दही के साथ क्या खाना चाहिए और दही खाने के क्या नियम हैं।
दही खाने के फायदे
आयुर्वेदिक विशेषज्ञ के मुताबिक, दही में कई सूक्ष्मजीव होते हैं जो हमारे पाचन तंत्र की मदद करते हैं और रोग प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाते हैं। दही शरीर की कैल्शियम और फास्फोरस की आवश्यकता को पूरा करता है और दूध के पौष्टिक विकल्प के रूप में भी उपयोगी है।
दही खाने के नियम
1) दही आपके कफ दोष को बढ़ा सकता है, जो कि “जब आपका कफ दोष बढ़ जाता है, तो अतिरिक्त बलगम उत्पन्न होता है, जो अपच का कारण बन सकता है। विशेषज्ञ कहते हैं, ''अगर आप रात को दही का सेवन करना चाहते हैं तो उसमें एक चुटकी काली मिर्च पाउडर और एक चुटकी मेथी पाउडर मिलाएं.''
2) आयुर्वेदिक विशेषज्ञ बताते हैं कि दही शरीर में सूजन बढ़ा सकता है। रोजाना दही खाने से बचें। दही की जगह आप रोजाना छाछ पी सकते हैं।
3) दही के साथ किसी भी तरह का फल खाने से एलर्जी और मेटाबॉलिज्म की समस्या बढ़ सकती है।
4) मछली या मांस के साथ दही खाने से शरीर में विषैले पदार्थ उत्पन्न होते हैं
5) ककड़ी का रायता और बूंदी का रायता बहुत ही गलत कॉम्बिनेशन है। खीरा और दही अपने गुणों के मामले में दो विपरीत हैं और इन्हें किसी भी तरह से मिलाने से आपके सिस्टम को भीतर से नुकसान हो सकता है। साथ ही शरीर में जहरीले पदार्थ भी बन सकते हैं। इसका दुष्प्रभाव ज्वर और चर्म रोग के रूप में प्रकट होता है।
(नोट: उपरोक्त लेख प्राप्त जानकारी पर आधारित है, जरुरत हो तो डॉक्टर से सलाह लें)
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