जून का महीने जैसे जैसे नजदीक आ रहा है, जंगलों की आग के अलावा उत्तराखंड को एक और बड़े संकट का सामना करना पड़ रहा है- वो है पीने के पानी का संकट।
राज्य के जल विभाग द्वारा हाल ही में किए गए एक सर्वेक्षण से पता चलता है कि उत्तराखंड के 148 शहरी और 317 ग्रामीण क्षेत्रों में जल्द ही पानी खत्म हो सकता है।
बता दें कि गढ़वाल में 84 शहरी और 134 ग्रामीण क्षेत्र पेयजल संकट से जूझ रहे हैं, जबकि कुमाऊं में 64 शहरी और 183 ग्रामीण इलाकों में पीने के पानी की कमी हैं. राजधानी दून में स्थिति विशेष रूप से गंभीर है, जहां 51 मलिन/ग्रामीण क्षेत्र और 40 शहरी क्षेत्र खतरे में हैं, इसके बाद अल्मोड़ा और नैनीताल का स्थान है, जहां जल का स्त्रोत तेजी से कम हो रहा है।
इस समस्या से निपटने के लिए जल प्रशासन ने एक रणनीति बनाई है. प्रभावित क्षेत्रों में पानी पहुंचाने के लिए प्रशासन अपने 69 पानी के टैंकरों का प्रयोग करेगा और 198 अतिरिक्त टैंकर किराए पर लेगा।
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