Up Kiran, Digital Desk: रविवार शाम को खंडवा ज़िले के पैठिया गांव में पुलिस ने एक मदरसे में बड़ी छापेमारी की और लगभग 20 लाख रुपये के नकली नोट बरामद किए। यह छापेमारी तब हुई जब महाराष्ट्र के मालेगांव में एक मुस्लिम मौलवी को नकली नोटों के साथ गिरफ्तार किया गया था।
पुलिस को सूचना मिली थी कि मदरसे के इमाम, जुबैर अंसारी के पास नकली नोट हो सकते हैं। जब पुलिस ने मदरसे में छापेमारी की तो वहां एक बैग से 500 और 200 रुपये के नकली नोटों की भारी खेप मिली। यह मामला पुलिस के लिए चुनौतीपूर्ण बन गया, क्योंकि जुबैर अंसारी पहले से ही छुट्टियों पर था और अचानक गाँव छोड़कर चला गया था।
मालेगांव से जुड़े राज का खुलासा
आरोपी जुबैर अंसारी की संदिग्ध गतिविधियाँ कई दिन से पुलिस के लिए सवाल खड़े कर रही थीं। वह बुरहानपुर का रहने वाला था और तीन महीने पहले ही मदरसे का इमाम नियुक्त हुआ था। हालांकि, उसके बाद से वह लगातार छुट्टियाँ लेता रहा था। 26 अक्टूबर को उसने प्रबंधन से कहा कि उसकी मां की तबियत खराब है और वह गाँव छोड़कर चला गया। इसके बाद वह फिर कभी लौटकर नहीं आया।
कुछ दिन बाद, मालेगांव पुलिस ने जुबैर अंसारी और उसके साथी नाज़िम अंसारी को नकली नोटों के साथ गिरफ्तार किया। यह गिरफ्तारी 29 अक्टूबर को हुई जब दोनों महाराष्ट्र के मुंबई-आगरा हाईवे पर एक होटल से पकड़े गए। उनके पास से कुल 10 लाख रुपये के नकली नोट बरामद हुए थे।
पुलिस की छापेमारी ने बढ़ाई चिंता
खंडवा पुलिस की यह छापेमारी क्षेत्र में एक बड़े सवाल को जन्म देती है। नकली नोटों के चलन और उनके स्रोत को लेकर अब कई अहम सवाल उठ रहे हैं। पुलिस यह भी जांच रही है कि क्या यह मामला एक बड़े नकली नोट गिरोह से जुड़ा हुआ है, जो देश के विभिन्न हिस्सों में नकली मुद्रा का प्रसार कर रहा है।
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