Rajasthan News: राजस्थान के मुख्यमंत्री भजन लाल की अध्यक्षता में आयोजित कैबिनेट बैठक में कई महत्वपूर्ण फैसले लिए गए, जिनमें धर्मांतरण विरोधी विधेयक को स्वीकृति दी गई है। ये विधेयक जबरन धर्म परिवर्तन को रोकने और धार्मिक स्वतंत्रता की रक्षा के लिए लाया गया है, और इसे आगामी बजट सत्र में विधानसभा में पेश किया जाएगा।
जबरन धर्म परिवर्तन के लिए दोषी को 10 साल तक की जेल की सजा दी जाएगी। किसी भी व्यक्ति को दूसरे धर्म को अपनाने से 60 दिन पहले जिला कलेक्टर को सूचना देना अनिवार्य होगा। इस विधेयक में संविधान के अनुच्छेद 25 और 26 के तहत धार्मिक स्वतंत्रता और धर्म के प्रबंधन से संबंधित प्रावधान शामिल हैं। कानून मंत्री जोगाराम पटेल ने बताया कि यह कानून लोगों की धार्मिक स्वतंत्रता का सम्मान करते हुए जबरन धर्मांतरण को रोकने का प्रयास करेगा।
अनुच्छेद 25: प्रत्येक नागरिक को अपने पसंद के धर्म को मानने, प्रचार करने और पालन करने की स्वतंत्रता देता है। अनुच्छेद 26: धार्मिक संस्थाओं को अपने कार्यों का प्रबंधन करने की स्वतंत्रता प्रदान करता है।
धर्मांतरण विरोधी विधेयक के अलावा, इस बैठक में कई अन्य महत्वपूर्ण निर्णय भी लिए गए:
नवीकरणीय ऊर्जा नीति: राज्य में नवीकरणीय ऊर्जा को बढ़ावा देने के लिए नई नीति को मंजूरी दी गई।
शहरी विकास: भरतपुर और बीकानेर में विकास प्राधिकरण का गठन किया जाएगा।
यूनानी और आयुर्वेदिक विभागों में आरपीएससी के माध्यम से भर्ती की जाएगी। आरएसी में कांस्टेबल पद के लिए न्यूनतम योग्यता 12वीं पास निर्धारित की गई है।