‘राजीव गांधी किसान न्याय योजना’, किसानों के साथ कांगेस की भी ऐसे बदलेगी किस्मत!

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छत्तीसगढ़ में राजीव गांधी की पुण्यतिथि 21 मई को किसानों के लिए ‘राजीव गांधी किसान न्याय योजना’ लागू की गई है । यह योजना किसानों को खेती-किसानी के लिए प्रोत्साहित करने की एक अनूठी योजना है। इसके तहत सरकार किसानों को अधिकतम 10 हजार रूपए प्रति एकड़ की दर से सहायता राशि देगी। इस योजना के पहले चरण में सूबे के लगभग 19 लाख किसानों को चार किश्तों में तकरीबन 5700 करोड़ रुपए का लाभ मिलेगा। इस योजना का अहम पहलू यह है कि यह राशि सीधे किसानों के खातों में हस्तांतरित की जाएगी।

rajiv gandhi kisan nyay yojna

 

मुख्यमंत्री भूपेश बघेल द्वारा किसानों को सीधे लाभ पहुंचाना एक क्रांतिकारी कदम है। इससे किसानों के साथ ही दम तोड़ते बाज़ार को भी राहत मिलेगी। खाते में पैसा होने से पूंजी प्रवाह में तेजी आएगी और बाजार को गति मिलेगी। इस योजना के दूसरे चरण में सूबे के लाखों भूमिहीन कृषि मजदूरों को भी शामिल किया जाएगा। सीएम बघेल ने इस दिशा में विस्तृत कार्ययोजना तैयार करने के लिए मुख्य सचिव की अध्यक्षता में समिति भी गठित कर दी है। यह समिति दो माह में विस्तृत कार्ययोजना का प्रस्ताव तैयार करेगी।

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राजीव गांधी किसान न्याय योजना में भूमिहीन किसानों को शामिल करना अहम है। अभी तक खेतिहर मजदूरों को कृषि संबंधित योजना का लाभ नहीं मिलता था। भूमिहीन किसान बदतर परस्थितियों में जीने को मजबूर होता है । इसीलिए खेतिहर मजदूर पलायन का रास्ता अपनाते हैं। यह योजना निश्चित रूप से खेतिहर मजदूरों की आर्थिक स्थिति सुधारने की दिशा में एक अहम कदम है। इस योजना का सही क्रियान्वयन किया गया तो छत्तीसगढ़ से श्रमिकों का पलायन रुकना तय है ।

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राजनितिक विश्लेषक इस योजना की तुलना मनरेगा से कर रहे हैं। कहा जा रहा है कि भूपेश बघेल द्वारा लागू की गई राहुल गांधी की न्याय योजना कांग्रेस के लिए मनरेगा की तरह लाभकारी साबित होगी। यूपीए शासनकाल में शुरू की गई मनरेगा योजना से कॉंग्रेस पार्टी को काफी लाभ हुआ था। मनरेगा कोरोना के कारण शहरों से गांव वापस लौटने वाले मजदूरों के लिए काफी मददगार साबित हो रही है। यही वजह है कि कभी मनरेगा कटु आलोचना करने वाले पीएम मोदी कोरोना संकट के समय इसके बजट में इजाफा करने को मजबूर हुए हैं ।

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छत्तीसगढ़ में इस योजना के सकारात्मक परिणाम सामने आने के बाद कांग्रेस शासित अन्य राज्यों में भी यह योजना लागू होगी। कोरोना संकट के दौरान भी राहुल गांधी कई बार केंद्र से गरीबों और मजदूरों के खाते में सीधे पैसा डालने की बात कर चुके हैं। इस मुद्दे पर वह रघुराम राजन और नोबेल विजेता अभिजीत बनर्जी से भी बात कर चुके हैं।

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गौरतलब है कि विगत लोकसभा चुनाव के दौरान राहुल गांधी ने पूरे देश के गरीबों के लिए ‘न्यूनतम आय सहायता योजना’ अर्थात ‘न्याय’ योजना का मसौदा सामने लाया था जिसके तहत देश के 5 करोड़ परिवार यानि तकरीबन 20 फीसदी गरीब जनता को सालाना 72 हजार रुपये दिए जाने की योजना थी। राहुल गांधी अपने इस योजना को लेकर उत्साहित थे मगर चुनाव में हार की वजह से यह महत्वाकांक्षी योजना ठंडे बस्ते में चली गई थी। अब छत्तीसगढ़ में सीएम भूपेश बघेल ने इस योजना को नए फॉर्मेट में ‘राजीव गांधी किसान न्याय योजना’ के नाम से लागू किया है।

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