अयोध्या। हजारों वर्षों के लंबे इंतजार और भारी संघर्ष के बाद उत्तर प्रदेश की धर्म नगरी अयोध्या में रामजन्म भूमि पर प्रभु श्रीराम के भव्य मंदिर (Ram Mandir) का निर्माण शरू हो चुका है। उम्मीद जताई जा रही है कि आने वाले साल में इस विश्व प्रसिद्ध मंदिर में भक्तों को रामलला के दर्शन की अनुमति मिल जाएगी। मंदिर निर्माण (Ram Mandir) को लेकर देश ही विदेशों में भी रह रहे राम भक्त उत्साहित हैं। उसी में से एक ऐसे भक्त भी हैं, जो कई सालों से रामलला की पोशाक सिलते आ रहे हैं। आइए जानते हैं वे कब से रामलला की कपड़े तैयार कर रहे हैं? (Ram Mandir)
आपको बता दें कि अयोध्या में रामलला की पोशाक को तैयार करने वाले टेलर भागवत प्रसाद और शंकरलाल हैं। इनकी अयोध्या के बड़ी कुटिया इलाके में श्री बाबूलाल टेलर के नाम से 8 फुट की एक दुकान है। इसी दुकान में रामलला के कपड़े तैयार किये जाते हैं। शंकरलाल अयोध्या के प्रसिद्ध मठ मंदिरों (Ram Mandir) में विराजमान भगवान रामलला समेत अन्य देवी-देवताओं के कपड़े भी सिलते हैं। हालांकि बाबूलाल अब इस दुनिया में नहीं है, लेकिन उनके बेटे और पोते इस काम को बखूबी करते हैं।
बताया जाता है कि एक समय था कि भगवत प्रसाद के पिता बाबूलाल विवादित ढांचे के नीचे ही रामलला के वस्त्र तैयार करते थे। उसके बाद कुछ परिस्थितियां बदली और उन्होंने वस्त्रों को अपनी एक छोटी सी दुकान पर लाकर सिलना शुरू कर दिया था। अब वहीं सिलसिला चला निकला और इनकी पीढ़ियां आज भी रामलला के वस्त्र सिलने का काम करती हैं। इतना ही नहीं अस्थाई मंदिर (Ram Mandir) में विराजमान रामलला और उनके चारों भाइयों की पोशाक पहले से ही दिन के हिसाब से सिली जाती रही है, जिसमें प्रत्येक दिन प्रत्येक कलर का वस्त्र निश्चित होता है।
भगवत प्रसाद ने बताया कि पहले हमारे पिता बाबूलाल भगवान राम के कपड़े सिलते थे और अब हमारे बच्चे भी रामलला की पोशाक सिलने का काम करते हैं। खास बात यह है कि ये भगवत प्रसाद की यह चौथी पीढ़ी है, जो रामलला के लिए पोशाक बनाती हैं। भगवत प्रसाद कहते हैं कि,’ यह हमारा सौभाग्य है कि हम भगवान रामलला के चरण रज में रहकर उनके प्रति कुछ कर रहे हैं।’ (Ram Mandir)
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