विश्व मानसिक स्वास्थ्य दिवस पर धर्मगुरू दलाई लामा ने विश्व को दिया संदेश, कही ये बात

img
धर्मशाला, 10 अक्टूबर यूपी किरण। तिब्बती धर्मगुरू दलाई लामा ने कहा कि हमें अपनी बुद्धि और भावनात्मक अच्छाई को विकसित करना चाहिए ताकि मन की खुशी और शांति का संचार हो सके। धर्मगुरू ने यह संदेश शनिवार को मैकलोड़गंज स्थित अपने आवास से विश्व मानसिक स्वास्थ्य दिवस पर विश्व समुदाय को दिया।
धर्मगुरू ने कहा कि हम सभी जानवरों, कीड़ों और रोगाणुओं सहित सुख चाहने और कष्ट न उठाने की इच्छा में समान है। मनुष्य के रूप में हमारे पास एक तेज बुद्धि है, जो हमें मन और आनंद की शांति लाने के प्रमुख कारकों में से एक है। आखिरकार हमें जो करने की जरूरत है वह है मन की शांति। मन की साधना से ही हम मन को प्राप्त करते हैं। अगर हमारे पास ऐसा है, तो हम शारीरिक दर्द का सामना कर सकते हैं वह भी बिना इससे परेशान हुए। दलाई लामा ने कहा कि शांति और आनंद का उनका अनुभव उन्हें प्रतिकूल परिस्थितियों को पूर्ण अभ्यास के लिए अनुकूल परिस्थितियों में बदलने में मदद कर सकता है।
कोरोना महामारी को लेकर लामा ने कहा कि ‘हर सुबह, मैं मंत्र पढ़ता हूं और प्रार्थना करता हूं कि यह महामारी जल्द से जल्द समाप्त हो जाए। मैं इन प्रार्थनाओं को दुनिया की भलाई के लिए समर्पित करता हूं, विशेषकर भारत को। मैं वास्तव में महामारी के दौरान फ्रंटलाइन पर काम करने वाले हर व्यक्ति के योगदान की सराहना करता हूं। कोरोना महामारी के दौरान अपने काम के प्रति समर्पण के लिए उन सभी को धन्यवाद। हालांकि, हमें भविष्य में इस तरह के दूसरे प्रकोप को रोकने के लिए कदम उठाने चाहिए।
उन्होंने कहा कि इन दिनों हम कोरोना वायरस महामारी का सामना कर रहे हैं, जो बहुत दुखद है। हमारे कर्म के कारण जो कुछ भी पहले हो चुका है, वह अतीत में है और उसे बदला नहीं जा सकता। उन्होंने कहा कि स्वास्थ्य प्रणाली में काम करने वाले लोग डॉक्टर, नर्स और शोध करने वाले वैज्ञानिक, इस बीमारी से पार पाने की पूरी कोशिश कर रहे हैं। मैं वास्तव में उनके द्वारा दिखाए गए प्रयास और समर्पण की सराहना करता हूं। उन्हें दूसरों की मदद करने के लिए एक परोपकारी इच्छा से प्रेरित होकर मेहनत करते रहना चाहिए।

 

Related News