मुजफ्फरनगर। इन दिनों ट्रैक्टर काफी चर्चा में है। ट्रैक्टर की चर्चा खासकर उत्तर प्रदेश में खूब हो रही है। दरअसल, यहां ट्रैक्टर-ट्रॉली से हो रहे सड़क हादसे के बाद राज्य सरकार ने इस पर कुछ पाबंदियां भी लगा दीं हैं जिससे खासे किसान नाराज हैं। इन तमाम चर्चाओं के बीच आज हम आपको एक ऐसे विदेशी ट्रैक्टर (Russian Tractor) के बारे में बताने जा रहे हैं जो दशकों पहले पानी के जहाज के जरिये रूस से भारत लाया गया था।
दरअसल ये खास ट्रैक्टर उत्तर प्रदेश के मुजफ्फरनगर जिले में है। दिल्ली के गाजीपुर बॉर्डर पर चले किसान आंदोलन के दौरान भी इस ट्रैक्टर (Russian Tractor) की काफी चर्चा रही थी। बताया जाता है कि ये ट्रैक्टर साल 1967 में गुलबहार राव के परदादा मोहम्मद इश्तियाक पानी के जहाज पर लादकर रूस से उत्तर प्रदेश के मुजफ्फरनगर जिले में लेकर आए थे। यहां उन्होंने इस ट्रैक्टर (Russian Tractor) से अपने खेतों में इससे काम करना शुरू किया था।
किसान आंदोलन के दौरान भी ये ट्रैक्टर खूब सुर्ख़ियों में रहा था किसानों का कहना है कि यह ट्रैक्टर आज भी बहुत मजबूत है। इस ट्रैक्टर (Russian Tractor) को 1967 में भी सेल्फ से स्टार्ट किया जाता था। भारतीय किसान यूनियन टिकैत के महानगर अध्यक्ष मोहम्मद गुलबहार राव ने बताया कि साल 1967 में उनके दादा मोहम्मद इश्तियाक इस ट्रैक्टर को मात्र सात हजार रूपये की कीमत देकर रूस (Russian Tractor) से लेकर आये थे।
किसानों के लिए आदर्श माने जाने वाले इस ट्रैक्टर का रंग हरा है और अब इसे मॉडिफाई कराया गया है। गुलबहार ने बताया कि उन्होंने अपने इस पुश्तैनी ट्रैक्टर को बहुत ही सोच समझकर भाकियू प्रवक्ता राकेश टिकैत को भेंट किया है ताकि यह ट्रैक्टर भविष्य में भी किसानों के आंदोलनों में अपनी अहम भूमिका निभाता रहे। (Russian Tractor)
अपनी पुरानी पीढ़ी का प्रतीक
अब ये विदेशी ट्रैक्टर (Russian Tractor) सिसौली पहुंच चुका है और किसान संग्रालय के आकर्षण का प्रमुख केंद्र बना हुआ है। ये ट्रैक्टर आज के किसान परिवारों के युवाओं के लिए एक प्रेरणा बनेगा। साथ ही ये अपनी पुरानी पीढ़ी के प्रतीक का केंद्र स्थापित करने में भी मददगार साबित होगा।
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