
राजस्थान के झुंझुनूं जिले के सिंघाना कस्बे में हाल ही में एक आपराधिक वारदात के बाद पुलिस ने बेहद प्रभावशाली ढंग से कार्रवाई करते हुए न सिर्फ आरोपियों को गिरफ्तार किया, बल्कि जनता को भी यह भरोसा दिलाया कि कानून और व्यवस्था से खिलवाड़ करने वालों को बख्शा नहीं जाएगा।
होटल पर हमला और रंगदारी की मांग से फैला डर
घटना तब सामने आई जब एक होटल व्यवसायी से कुछ बदमाशों ने हर महीने 'मंथली' यानी अवैध वसूली की मांग की। इंकार करने पर आरोपियों ने होटल पर धावा बोल दिया, कर्मचारियों के साथ मारपीट की और तोड़फोड़ मचाई। पूरी वारदात का वीडियो जब सोशल मीडिया पर वायरल हुआ, तो कस्बे भर में आक्रोश की लहर दौड़ गई। व्यापारियों ने एकजुट होकर विरोध जताया और थाने का घेराव करने की चेतावनी दी।
हरियाणा से पकड़े गए आरोपी, बाजार में करवाई गई परेड
थानाधिकारी राम सिंह यादव की अगुवाई में पुलिस टीम ने बेहद मुस्तैदी से कार्रवाई करते हुए तीनों आरोपियों को हरियाणा से गिरफ्तार कर लिया। मगर कहानी यहीं खत्म नहीं हुई। इन बदमाशों को कस्बे में लाकर भरे बाजार में परेड करवाई गई, जहां उन्हें जनता के सामने हाथ जोड़कर, कान पकड़कर माफी मांगनी पड़ी। इस दृश्य ने यह साफ कर दिया कि सिंघाना में अब अपराधियों के लिए कोई जगह नहीं बची है।
पुलिस पूछताछ का असर: बदमाशों की बदली चाल
जब परेड हुई, तो लोगों ने देखा कि आरोपी लड़खड़ाते कदमों से चल रहे थे। यह उनके साथ हुई सख्त पूछताछ का संकेत था। कस्बेवासियों ने इस कार्रवाई का जमकर स्वागत किया और पुलिस टीम के समर्थन में “पुलिस जिंदाबाद” के नारे लगाए। थाने पहुंचने पर राम सिंह यादव और उनकी टीम का फूल-मालाओं से स्वागत किया गया, जो यह दर्शाता है कि पुलिस ने जनता का दिल जीत लिया है।
गुंडागर्दी पर पुलिस का दो टूक संदेश
थानाधिकारी राम सिंह यादव ने मीडिया से बात करते हुए साफ कहा कि सिंघाना में कानून व्यवस्था को बिगाड़ने की इजाजत किसी को नहीं दी जाएगी। अपराधियों को बख्शा नहीं जाएगा और ऐसे हर मामले में कठोरतम कार्रवाई की जाएगी। उन्होंने कहा कि पुलिस की प्राथमिकता इलाके को सुरक्षित और शांत बनाए रखना है।
व्यापारियों में भरोसा, बदमाशों में खौफ
इस पूरे घटनाक्रम ने व्यापारियों के मन में पुलिस के प्रति भरोसा और अपराधियों के लिए डर पैदा कर दिया है। यह एक मिसाल है कि अगर प्रशासन और जनता साथ खड़े हों, तो अपराध कितनी भी संगीन हो, उसका जवाब सख्ती और इंसाफ से दिया जा सकता है।
सिंघाना की यह घटना सिर्फ एक पुलिस कार्रवाई नहीं, बल्कि एक सामाजिक संदेश है—अब कानून के खिलाफ कोई भी काम करने वालों को माफ़ी नहीं, सजा मिलेगी और वो भी सबके सामने।
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