sangrur news: पंजाब में पंचायत चुनाव का बिगुल बज चुका है, अगले महीने किसी भी तारीख को पंचायत चुनाव हो सकते हैं। आज हम आपको संगरूर जिले के उस गांव के बारे में बताएंगे जहां पिछले कई दशकों से सरपंची के लिए पंचायत चुनाव नहीं हुए हैं।
जिला संगरूर के ब्लॉक भवानीगढ़ का गांव तूरी अपने आप में एक मिसाल है। क्योंकि इस गांव के लोग सरपंची के लिए लाखों रुपये खर्च नहीं करते हैं, ये इसलिए भी खास है क्योंकि इस गांव के लोग सरपंची के लिए घर-घर जाकर वोट नहीं मांगते हैं।
खास बात यह भी है कि इस गांव में कोई भी विपक्षी दल के तौर पर सरपंची के लिए मैदान में नहीं उतरता। यह गांव इसलिए भी खास है क्योंकि इस गांव के गुरुद्वारा साहिब में बैठकर गांव के बुद्धिमान सरपंच को सरपंची के लिए चुने जाने की घोषणा की जाती है और उसके बाद लोग मुंह मीठा कराकर अपने-अपने घर जाते हैं
जिला संगरूर के भवानीगढ़ से करीब आठ किलोमीटर दूर संगरूर से दो किलोमीटर की दूरी पर स्थित गांव तूरी का कहना है कि उन्होंने 70 साल में एक बार सरपंची के लिए वोट किया है। इसके अलावा इस गांव में कभी भी सरपंच के लिए वोट नहीं पड़ता था, जहां यह गांव अपने बीच से ही सरपंच चुनने के मामले में इलाके में मिसाल बन गया है, वहीं पिछली सरकारों द्वारा इस गांव की उपेक्षा की गई, क्योंकि इसके लिए कोई विशेष पैकेज नहीं दिया गया जिससे इस गांव की सूरत बदली जा सकी।
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