सावन के महीने का नाम सुनते ही जो नाम सबसे पहले मस्तिष्क मे आता है वह है भगवान शिव का नाम इस वर्ष सावन का महीना 14 जुलाई से शुरू होगा और 12 अगस्त के बाद समापत हो जायेगा . इस महीने में भगवान शिव की पूजा का विशेष महत्व बताया गया है. वैदिक शास्त्र के अनुसार इस मास में भगवान शिवजी की पूजा जो भी व्यक्ति श्रद्धा से करता है उसके जीवन की हर बाधा दूर हो जाती है. लेकिन इस मास में कुछ ऐसी गलतियां है जिन्हे हमें करने से बचना चाहिए।
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तो चलिए आज हम इस आर्टिकल के माध्यम से जानते है कि सावन के इस महीने में भूलकर भी कौन सी वो 8 गलतियां ना करें जिस से भगवान भोलेनाथ नाराज हो जाएंगे।
1.आयुर्वेद और ज्योतिर्विज्ञान का मानना है कि सावन महीने में खाने की पदार्थों को लेकर हमेशा सावधानी रखनी चाहिए। ज्योतिष विज्ञान कि माने तो इनके अनुस्वार इस महीने में मांस-मछली नहीं खाना चाहिए साथ ही साथ मदिरापान का सेवन भी नहीं करना चाहिए। वैदिक शास्त्र कहता है सावन के महीने में सात्विक भोजन ही करना चाहिए।यदि संभव हो सकते तो खाने मे लहसुन-प्याज का भी प्रयोग नहीं करना चाहिए।
2.इस महीने में सब्जियों में बैंगन खाने से बचना चाहिए। वैदिक शास्त्र में बैंगन को एक अशुद्ध सब्जी माना गया है।इसीलिए लोग द्वादशी और चतुर्दशी के दिन को भी बैंगन खाने से बचते हैं।
3.इस महीने में बाबा भोलेनाथ के शिवलिंग पर दूध से जलाभिषेक करना बहुत ही शुभ माना जाता है। और यही कारण है कि वैदिक शास्त्र कहता है कि इस महीने में व्यक्ति को दूध पीने से परहेज करना चाहिए। जिस तरह कि भाद्रपद के महीने में दही खाने से परहेज किया जाता है, वैसे ही सावन में दूध से परहेज करना चाहिए।
4.बाबा भोलेनाथ के पूजा के समय शिवलिंग पर कुछ खास चीजों को चढ़ाने से बचना चाहिए। वैदिक शास्त्र में शिवलिंग को पुरुष तत्व से संबंधित माना गया है इसीलिए उस पर हल्दी नहीं चढ़ानी चाहिए।बाबा भोलेनाथ को बेलपत्र, भांग और धतूरा बहुत पसंद है।इसलिए पूजा करते समय यह चीजें भगवान शिव को अवश्य चढ़ाये ।
5.जयोतिष शास्त्र कहता है कि यह महीना बहुत ही पवित्र होता है इसलिए अगर संभव हो सके तो इस महीने मे किसी व्यक्ति का अपमान करने से बचना चाहिए और बुरे विचार को भी मन में नही लाने चाहिए। खासतौर से गुरु, जीवनसाथी, माता-पिता, मित्र और द्वार पर आए लोगों का अपमान नहीं करना चाहिए।
6.यदि इस महीने मे आपके दरवाजे पर कोई जानवार जैसे कि गाय अथवा बैल आ जाए तो उसे मारकर ना भगाएं। इस तरह के पशुओं को खाने के लिए अवश्य कुछ दें।बैल को मारना भगवान शिव की सवारी नंदी का अपमान करने के समान होता है।
7.इस महीने में गलती से भी शरीर पर तेल न लगाएं क्योकि इस महीने मे तेल का दान किया जाता है। इसलिए इसे शरीर में लगाना बहुत ही अशुभ माना जाता है माना जाता है कि ऐसा करने से भगवान भोलेनाथ नाराज हो जाते हैं।
8.कहा जाता है कि सावन के महीने मे भगवान भोलेनाथ की प्रतिमा पर या फिर शिवलिंग पर केतकी अर्पित नही करना चाहिए। और यदि संभव हो सके तो इस महीने मे दिन के वक्त सोने से बचना चाहिए।
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