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Up Kiran, Digital News: अररिया नगर थाना क्षेत्र में 8 मई की रात सामने आई एक कथित लूट की घटना का पुलिस ने जब पर्दाफाश किया, तो मामला पूरी तरह से उल्टा निकला। जिस फाइनेंस कर्मचारी ने खुद को लूट का शिकार बताया था, वही इस पूरे षड्यंत्र का मास्टरमाइंड निकला। आरोपी कर्मचारी शिवशंकर पासवान ने कंपनी के 1.15 लाख रुपए और उपकरण गबन करने के लिए झूठी कहानी गढ़ी थी।
कैसे फूटी साजिश की परतें
नगर थाना अध्यक्ष मनीष कुमार रजक ने रविवार को इस मामले का खुलासा करते हुए बताया कि आरोपी जोगबनी थाना क्षेत्र के रामगढ़ वार्ड संख्या 7 निवासी शिवशंकर पासवान, पिता श्याम पासवान ने खुद ही नगर थाने में आवेदन देकर यह आरोप लगाया था कि 8 मई की रात करीब साढ़े आठ बजे कमलदाहा वार्ड-12 के पास दो अज्ञात बाइक सवारों ने चाकू की नोंक पर 1,15,325, रुपए कंपनी का टैब और फिंगर स्कैनर लूट लिए।
पुलिस ने शिकायत पर भारतीय न्याय संहिता 2023 की धारा 309(4)/3(5) के तहत कांड संख्या 191/25 दर्ज कर अनुसंधान शुरू किया। लेकिन जांच जैसे-जैसे आगे बढ़ी, तथाकथित पीड़ित के बयानों में विरोधाभास सामने आने लगे।
तकनीकी अनुसंधान बना सबूत का हथियार
पुलिस ने मोबाइल लोकेशन, सीसीटीवी फुटेज और कॉल डिटेल्स जैसी तकनीकी जांचों के साथ स्थानीय स्तर पर भी जानकारी इकट्ठी की। इस दौरान कई तथ्य सामने आए जिससे पुलिस को शक हुआ। जब गहनता से पूछताछ की गई, तो शिवशंकर पासवान ने खुद ही कबूल कर लिया कि यह पूरी घटना उसकी खुद की रची हुई साजिश थी।
गबन का पैसा और उपकरण बरामद
पुलिस ने आरोपी की निशानदेही पर 58,420 रुपए नकद और लूटा गया मोबाइल फोन बरामद किया। साथ ही, उसने जिन ग्राहकों से ऑनलाइन लोन पेमेंट अपने खाते में ट्रांसफर कराया था, उस राशि को भी फ्रीज कर दिया गया है।
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