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लखनऊ। उत्तर प्रदेश सचिवालय में तैनात समीक्षा अधिकारी जितेंद्र कुमार के साथ गत दिनों झाँसी जिले के एक नर्सिंगहोम के चिकित्सक एवं अन्य स्टाफ द्वारा की गयी मारपीट का मामला तूल पकड़ता जा रहा है। सोमवार को उत्तर प्रदेश सचिवालय संघ खुलकर समीक्षा अधिकारी जितेंद्र कुमार के पक्ष  में आ गया  और उपमुख्यमंत्री बृजेश पाठक को ज्ञापन देकर समीक्षा अधिकारी जितेंद्र कुमार के साथ गत दिनों झाँसी जिले के एक नर्सिंगहोम के चिकित्सक एवं अन्य स्टाफ द्वारा की गयी माईपीट व एफआईआर की जांच कराये जाने की मांग की है।

उत्तर प्रदेश सचिवालय संघ द्वारा उपमुख्यमंत्री बृजेश पाठक को दिए गए ज्ञापन के मुताबिक़ समीक्षा अधिकारी जितेंद्र कुमार ने अपने नवजात पुत्र के पीलिया के इलाज के लिए झाँसी स्थित वात्सल्य नर्सिंगहोम में भर्ती कराया था। समीक्षा अधिकारी जितेंद्र कुमार द्वारा गत 25 फरवरी को हॉस्पिटल के स्टाफ से बच्चे के स्वास्थ्य के बारे में जानकारी मांगने पर स्टाफ अचानक और वहाँ मौजूद डॉक्टर राजकुमार कुशवाहा ने उत्तेजित होते हुए उन्हें  जातिगत गालियां देते हुए मारपीट की। यही नहीं जितेंद्र कुमार के माता पिता व अन्य परिजनों के साथ भी स्टाफ ने अभद्रता की। ये घटना नर्सिंगहोम के सीसीटीवी कैमरे में रिकार्ड है।

जितेंद्र कुमार ने अपने साथ हुई घटना की एफआईआर स्थानीय थाना में नवाबाद में दर्ज कराई। इसके बाद नर्सिंगहोम के मालिक डा प्रमोद गुप्ता ने जितेंद्र कुमार के खिलाफ एक झूठी एफआईआर नवाबाद थाने में 29 फरवरी को दर्ज कराई गई, जिसमे जतेंद्र कुमार को शराब के नशे में होने का मिथ्या आरोप लगाया गया है।  जबकि 25 फरवरी को हुए मेडिकल में जितेंद्र कुमार के नशे में होने का जिक्र नहीं है। सचिवालय संघ ने उपमुख्यमंत्री को दिए गए ज्ञापन में यह भी बताया है कि जब जितेंद्र कुमार थाने में एफआईआर लिखाने पहुंचे तो वहाँ पहले से मौजूद डा राजकुमार कुशवाहा ने अपनी गलती मानते हुए लिखित माफीनामा भी दिया।

उत्तर प्रदेश सचिवालय संघ ने उपमुख्यमंत्री बृजेश पाठक से समीक्षा अधिकारी जितेंद्र कुमार के साथ वात्सल्य नर्सिंगहोम में हुई मारपीट की जांच कराने एवं नर्सिंगहोम के संचालक डा प्रमोद गुप्ता और डा राजकुमार के विरुद्ध सुसंगत धाराओं में कार्रवाई सुनिश्चित कराने की मांग की है। 
 

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