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sensor light project: बीकानेर के इंजीनियरिंग छात्रों ने पहाड़ी सड़कों पर दुर्घटनाओं को रोकने के लिए एक कमाल का सिस्टम बनाया है, जिसका उद्देश्य ऐसे क्षेत्रों में रहने वाले निवासियों को फायदा पहुंचाना है। इस सिस्टम में एक सेंसर लाइट सिस्टम शामिल है जिसे कम लागत पर बनाया जा सकता है। इसमें एक बैटरी शामिल है जो तीन से छह महीने तक चल सकती है और इसे सौर पैनलों द्वारा पूरक किया जाता है। इसे बनाने में लगभग एक महीने का समय लगा और बैटरी के साथ दूरी सेंसर का उपयोग किया गया।

ये डिवाइस (सेंसर लाइट प्रोजेक्ट) पहाड़ी सड़कों के दोनों ओर लाइट सेंसर लगाकर काम करती है। यह सेटअप पहाड़ी इलाकों के मोड़ और मोड़ के कारण एक-दूसरे को न देख पाने वाले वाहनों के कारण होने वाली दुर्घटनाओं की संभावनाओं को बहुत हद तक कम कर देता है। जैसे ही कोई वाहन सेंसर के पास पहुंचता है, उल्टी दिशा में एक लाल बत्ती एक्टिव हो जाती है, जो आने वाले ट्रैफ़िक की उपस्थिति के लिए ड्राइवरों को सावधान करती है। ये आने वाले वाहन को जल्दी रुकने के लिए इशारा देता है, जिससे दूसरा वाहन सुरक्षित रूप से निकल जाता है, जिससे दुर्घटनाएँ रुक जाती हैं। एक बार जब वाहन निकल जाता है, तो लाइट अपने आप फिर से हरी हो जाती है, जिससे ट्रैफ़िक सामान्य रूप से फिर से शुरू हो जाता है।

इंजीनियरिंग कॉलेज में इलेक्ट्रॉनिक्स इंस्ट्रूमेंटेशन विभाग के प्रमुख हरजीत सिंह ने इस बात पर प्रकाश डाला कि खराब दृश्यता के कारण पहाड़ी सड़कों पर अक्सर दुर्घटनाएँ होती हैं, जो सही नहीं हैं। इस वजह से इस सिस्टम को बनाया गया है। 

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