सनातन धर्म के प्रमुख पर्वों में शुमार शारदीय नवरात्रि (Shardiya Navratri 2022) शुरू हो चुका है। नवरात्रि के इन नौ दिनों में मां दुर्गा के नौ रूपों की पूजा कर उनसे आशीर्वाद प्राप्त किया जाता है। देवी मां की पूजा-अर्चना करने के लिए भारत के अलग-अलग कोनों में मौजूद देवी मंदिरों में भी भक्तों का तांता लगता है। आज हम आपको उन 5 मंदिरों के बारे में बताएंगे जहां नवरात्रि में बड़ी संख्या में भक्त जुटते हैं।(Shardiya Navratri 2022)
नैना देवी मंदिर
नैनीताल में नैनी झील के उत्तरी किनारे पर स्थित नैना देवी मंदिर में भक्तों की भारी भीड़ जुटी है। बताया जाता है कि 1880 में एक भूस्खलन के बाद यह मंदिर पूरी तरह से नष्ट हो गया था। इसके बाद इसे दोबारा बनवाया गया। यहां पर माता सती के शक्ति के रूप की पूजा होती है। धार्मिक शास्त्रों में बताया गया है कि इस मंदिर में मां के 2 नेत्रों के दर्शन होते हैं, जो नैना देवी को दर्शाते हैं। (Shardiya Navratri 2022)
ज्वाला देवी मंदिर
ज्वाला देवी का मंदिर हिमाचल प्रदेश के कांगड़ा जिले में कालीधार पहाड़ी पर स्थित है। इसे 51 शक्तिपीठों में से एक माना जाता है। बता दें शक्ति पीठ वे स्थान कहलाते हैं जहां पर भगवान विष्णु के चक्र से कटकर माता सती के अंग गिरे थे। कहते हैं कि ज्वाला देवी में माता सती की जिह्वा गिरी थी।(Shardiya Navratri 2022)
कामाख्या शक्तिपीठ
असम के पश्चिम में मौजूद नीलांचल पर्वत पर कामाख्या शक्तिपीठ है। कहते हैं कि इस स्थान पर माता सती का गुह्वा अर्थात योनि का भाग गिरा था। धार्मिक मान्यता है कि कामाख्या शक्तिपीठ में माता सती रजस्वला भी होती हैं।(Shardiya Navratri 2022)
करणी देवी मंदिर
राजस्थान के बीकानेर जिले से लगभग 30 किलोमीटर दूर जोधपुर रोड पर देशनोक गांव की सीमा पर मां करणी देवी का मंदिर है। ये मंदिर को चूहे वाले मंदिर के नाम से फेमस है। नवरात्रि के यहां भक्तों का हुजूम उमड़ता है।(Shardiya Navratri 2022)
अंबाजी मंदिर
अंबाजी मंदिर गुजरात में बना हुआ है। इस मंदिर का जीर्णोद्धार साल 1975 में शुरू हुआ था और अभी भी चला रहा है। इस मंदिर के शिखर पर 358 स्वर्ण कलश सुसज्जित है। धार्मिक शास्त्रों के मुताबिक अंबाजी 51 शक्तिपीठों में से एक शक्तिपीठ है। इस मंदिर के गर्भ गृह में मां की कोई प्रतिमा स्थापित नहीं है। यहां पर श्रीयंत्र स्थापित है, जसका दर्शन और पूजन किया जाता है।(Shardiya Navratri 2022)
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