लखीमपुर खीरी, 14 दिसम्बर| लखीमपुर खीरी हिंसा(Lakhimpur Kheri violence) की जांच कर रहे विशेष जांच दल (SIT) ने मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट (CJM) के समक्ष एक आवेदन दायर कर 13 आरोपियों के खिलाफ हत्या के प्रयास का आरोप में नई धाराओं को शामिल करने का अनुरोध किया है ताकि उनके अपराध को दंडनीय बनाया जा सके।

आपको बता दें कि एसआईटी जांच अधिकारी विद्याराम दिवाकर ने पिछले हफ्ते सीजेएम की अदालत में आईपीसी की धारा 279, 338 और 304 ए की जगह वारंट में नई धाराएं जोड़ने के लिए आवेदन दायर किया। अपने आवेदन में, जांच अधिकारी ने बताया कि घटना सुनियोजित और एक जानबूझकर किया गया कार्य था, न कि लापरवाही या लापरवाही का।
वहीँ जांच अधिकारी ने धारा 279 को बदलने के बाद भारतीय दंड संहिता IPC की धारा 307 (हत्या का प्रयास), 326 (खतरनाक हथियारों या साधनों से स्वेच्छा से गंभीर चोट पहुंचाना), 34 (सामान्य इरादे से कई व्यक्तियों द्वारा किए गए कार्य) को जोड़ने का अनुरोध किया है। (सार्वजनिक रास्ते पर तेज गति से वाहन चलाना या सवारी करना), 338 (जो कोई इतनी जल्दबाजी या लापरवाही से किसी भी व्यक्ति को गंभीर चोट पहुंचाता है) और 304A (लापरवाही से मौत का कारण) को लेकर मामला दर्ज करने को बोला है.
3 अक्टूबर को, केंद्रीय मंत्री अजय मिश्रा टेनी के बेटे आशीष मिश्रा की एक एसयूवी की चपेट में आने से चार प्रदर्शनकारी किसानों सहित आठ लोगों की मौत हो गई थी। वहीँ हिंसा में एक स्थानीय पत्रकार की भी मौत हो गई। एसआईटी ने अब तक आशीष मिश्रा, लवकुश, आशीष पांडे, शेखर भारती, अंकित दास, लतीफ, शिशुपाल, नंदन सिंह, सत्यम त्रिपाठी, सुमित जायसवाल, धर्मेंद्र बंजारा, रिंकू राणा और उल्लास त्रिवेदी को गिरफ्तार किया है।
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