क्या आपको भी अक्सर नींद न आने की समस्या है। अगर ऐसा है तो सतर्क हो जाइये। ये स्लीपिंग डिस आर्डर हो सकता है। वैसे तो किसी भी इंसान के साथ हमेशा ऐसा नहीं होता कि उसे कभी नींद न आए या फिर वह 365 दिनों में एक भी दिन अच्छे से न सोये। असल में कभी-कभी नींद न आना या फिर नींद उचट जाना एक नॉर्मल प्रक्रिया है लेकिन जब आपको अक्सर ही नींद न आये तो ये एक क्रिटिकल प्रॉब्लम्स हो सकती है। ऐसे आपको इसे इग्नोर नहीं करना चाहिए।
आज कि दौर में नींद की कमी ऐसी समस्या बन गई है जिससे अधिकतर लोग जूझ रहे हैं। नींद न आने की नहीं बल्कि कई वजहें होती हैं। जैसे तनाव, लंबे समय तक काम करते करना, खराब जीवनशैली, फोन का अधिक इस्तेमाल आदि। लेकिन जब आपको नींद न आने कि कारण से दूसरे हेल्थ इश्यूज होने लगें तो आपको इस स्लीपिंग डिसऑर्डर को सीरियस लेने की आवश्यकता होती है।
1- आप सोने का बहुत प्रयास करते हैं लेकिन फिर भी आपको नींद नहीं आती है।
2- आप जागते हैं, तो आपको थकावट महसूस होती है लेकिन लेटने पर नींद नहीं आती है।
3- आपके शरीर में दर्द की शिकायत रहती है। साथ ही आपको कई दूसरे कई हेल्थ इश्यूज महसूस होने लगते हैं।
एक्सपर्ट्स कहते हैं के लम्बे समय तक ये तीन संकेत दिखने पर आपको खुद से दवाइयां नहीं लेनी चाहिए बल्कि किसी डॉक्टर से सलाह लेनी चाहिए। ऐसा करके आप आप कई हेल्थ प्रॉब्लम्स से बच सकते हैं।
यह उस वक्त को कहते हैं जब आपको रात में सोना या यहां तक कि रात में एक झपकी लेना भी बहुत मुश्किल हो जाता है।
स्लीप एपनिया नींद समय आपके असामान्य सांंस लेने के पैटर्न से संबंधित होता है। रेस्टलेस लेग सिंड्रोम (आरएलएस)- यह एक तरह का स्लीप मूवमेंट डिसऑर्डर है। इसमें लोग नींद में बार-बार अपने पैरों को हिलाते रहते हैं।
इसमें बहुत अधिक सुस्ती होती है। हर समय सोने का ही मन करता है। यहां तक कि कई बार लोग अचानक ही कहीं भी सो जाते हैं।