_1677894531.png)
Up Kiran, Digital Desk: आजकल के बच्चों पर NEET और JEE जैसी प्रतियोगी परीक्षाओं को पास करने का दबाव इतना बढ़ गया है कि कई बार वे अपने भविष्य की नींव रखने की बजाय गलत रास्ते पर चल पड़ते हैं। इस संदर्भ में उडुपी के एक 18 वर्षीय छात्र का मामला बेहद चौंकाने वाला है। उसने अपने माता-पिता को खुश करने के लिए NEET की फर्जी मार्कशीट तैयार करवाई और 17,000 रुपये खर्च कर के अपनी ऑल इंडिया रैंक (AIR) 107 और 646 अंक दर्शाए। लेकिन सच सामने आने पर उसके परिवार के लिए यह खबर किसी सदमे से कम नहीं थी।
फर्जी मार्कशीट बनाने का खौफनाक सच
यह मामला सामने आया जब इस छात्र ने अपनी सफलता के बारे में अपने माता-पिता को बताया। उसकी मार्कशीट देखकर वे बेहद खुश हुए, क्योंकि उसकी रैंक और अंक शानदार थे। हालांकि, उनकी खुशी ज्यादा देर नहीं टिक पाई, जब उन्हें यह अहसास हुआ कि इतनी अच्छी रैंक के बावजूद उनके बेटे का नाम किसी अखबार में नहीं आया और न ही कोई बधाई संदेश आया। संदेह होने पर, छात्र के पिता ने सच्चाई जानने की ठानी।
सबसे पहले, उन्होंने बेटे द्वारा दी गई मार्कशीट को एक स्थानीय समाचार पत्र में भेजा, ताकि यह पुष्टि हो सके। लेकिन जब उन्होंने NEET की आधिकारिक वेबसाइट पर जाकर रिजल्ट चेक किया, तो उनके होश उड़ गए। असल में, उनके बेटे की रैंक 17.6 लाख थी, न कि 107। इस खुलासे के बाद, छात्र ने यह स्वीकार किया कि उसने 17,000 रुपये खर्च कर के अपनी मार्कशीट तैयार करवाई थी।
कैसे हुआ फर्जी मार्कशीट का निर्माण?
जानकारी के मुताबिक, यह छात्र अप्रैल महीने में NEET की तैयारी कर रहा था, जब उसने यूट्यूब पर एक वीडियो देखा। इस वीडियो में बताया गया था कि कैसे CBSE, JEE, और NEET जैसी परीक्षाओं की मार्कशीट को डिजिटल तरीके से एडिट किया जा सकता है। वीडियो में दो मोबाइल नंबर भी दिए गए थे।
छात्र ने इनमें से एक नंबर पर व्हाट्सएप के जरिए संपर्क किया और सामने वाले व्यक्ति ने खुद को "विष्णु कुमार" बताया। इसके बाद, विष्णु कुमार ने इस छात्र से 17,000 रुपये की डिमांड की। रकम देने के बाद, 16 जून को छात्र को एक एडिटेड स्कोरकार्ड और OMR शीट व्हाट्सएप पर भेजी गई, जो वह डाउनलोड करते ही हटा दी गई।
पिता की सूझबूझ से खुला मामला
छात्र के पिता सरकारी अधिकारी हैं, और उनकी जांच के बाद इस फर्जीवाड़े का पर्दाफाश हुआ। उन्होंने उडुपी साइबर, इकोनॉमिक एंड नारकोटिक क्राइम स्टेशन में शिकायत दर्ज करवाई। पुलिस ने मामले की जांच शुरू की और आरोपी को पकड़ने के लिए कार्रवाई शुरू कर दी। उडुपी पुलिस अधीक्षक हरीराम शंकर के अनुसार, छात्र ने यह बताया कि उसे माता-पिता को खुश करने के लिए यह कदम उठाना पड़ा था।
पुलिस ने इस मामले में आईटी एक्ट की धारा 66(c) और 66(d), और भारतीय दंड संहिता (IPC) की धाराओं 336(2), 318(4), 335, और 336(3) के तहत मामला दर्ज किया है। अब पुलिस यह पता लगाने में जुटी है कि कहीं यह गिरोह और अन्य छात्रों को भी शिकार तो नहीं बना रहा।
--Advertisement--