युजवेंद्र चहल वर्तमान में भारतीय क्रिकेट टीम के महत्वपूर्ण Cricketer हैं। अपनी बॉलिंग से बड़े से बड़े बल्लेबाजों को नचाने वाले चहल ने अब तक 54 वनडे और 45 t-20 मैच खेल लिए हैं। क्रिकेट में उनकी शुरुआत आसान नहीं रही थी। प्रैक्टिस के लिए उन्हें घर से काफी दूर जाना पड़ता था। इस कारण उनका अधिक वक्त सफर में ही बीत जाता था। फादर ने युजवेंद्र की तकलीफों को देखकर खेत में ही पिच बना दिया था। युजवेंद्र के फादर केके चहल ने कपिल शर्मा के शो पर उनके संघर्ष की कहानी बताई थी और खुलासे किए थे।
एक चर्चित शो में कपिल शर्मा ने उनसे पूछा कि कैसा लगता है जब लोग बोलते हैं कि युजवेंद्र का फादर कहता था। मैंने सुना है आपके बारे में कि युजवेंद्र को आपने कितना सपोर्ट किया है। क्या आपको भी क्रिकेट का शौक था? आपने कब इन्हें सीरियसली लिया था? इस पर केके चहल ने बोले- युजवेंद्र को लेकर गर्व होता है। हर पैरेंट्स बच्चों को सपोर्ट करने की कोशिश करता ही है। मैं कॉलेज में क्रिकेट खेलता था। ये जब 10 बरस का था तो हमारे जिले में पटौदी ट्रॉफी हो रही थी। वह ओपन होती थी। उसमें उम्र को लेकर कोई नियम नहीं था।
युजवेंद्र के फादर ने आगे बताया कि पटौदी ट्रॉफी में जिंद और सिरसा जिले के बीच मुकाबला था। उसमें ये खेलने जा रहे थे। हमारी टीम के 4/5 खिलाड़ियों की गाड़ी का टायर पंचर हो गया था। सभी क्रिकेटर्स के पास दूसरी गाड़ी थी। सवेरे सवेरे पंचर बनाने वाला कोई नहीं था। उन्होंने वक्त अधिक होने के कारण युजवेंद्र को मैच में खेलने का मौका दे दिया। युजवेंद्र ने 5 ओवर में 4 विकेट ले लिए थे। उस दिन के बाद एहसास हुआ कि ये कुछ बन सकता है।
युजवेंद्र को पहली बार इंडिया के लिए खेलने का मौका 2016 में मिला। जिम्बाब्वे के विरूद्ध उन्होंने 11 जून 2016 को वनडे में डेब्यू किया। इसके बाद उसी महीने की 18 तारीख को अपना पहला t-20 मैच भी जिम्बाब्वे के विरूद्ध खेल लिया। दोनों मैच हरारे में खेले गए थे। चहल ने अब तक वनडे में 92 विकेट अपने नाम किए हैं। वहीं, t-20 में उन्होंने 59 विकेट झटके हैं। वनडे में 2 और t-20 में एक बार उन्होंने मैच में पांच विकेट अपने नाम किए। (Current Issue)