कुशीनगर। जिले सात ब्लॉकों में कालाजार (Kala Azar Disease) से प्रभावित 61 ग्राम पंचायतों में दवा का छिड़काव किया जाएगा। सबसे पहले तमकूही ,तरयासुजान, कुबेरस्थान सहित पांच ब्लॉकों में छिड़काव शुरू किया गया है।
जिला मलेरिया अधिकारी आलोक कुमार ने बताया कि चिह्नित गांवों में छिड़काव व निरोधात्मक कार्य लगातार जारी है। वेक्टर जनित रोग नियंत्रण के लिए अल्फ़ा साइपर मेथरीन पांच फीसदी दवा का छिड़काव कराया जा रहा। कालाजार (Kala Azar Disease) दवा छिड़काव में 10 टीम में 60 कर्मी लगाए गए हैं। अभियान में संबंधित क्षेत्र की आशा एवं एएनएम सहयोग करेंगी। इस संबंध में सभी को प्रशिक्षण दिया गया है। छिड़काव कार्य में डब्ल्यूएचओ, पाथ तथा पीसीआई संस्थाओं द्वारा तकनीकी सहयोग प्रदान किया जा रहा है।
उन्होंने कहा कि कालाजार (Kala Azar Disease) से प्रभावित 61 ग्राम पंचायतों में तरयासुजान के 28, दुदही के 11 तमकूही के छह, कुबेरस्थान के 12, विशुनपुरा के दो तथा कसया व फाजिलनगर के एक-एक गांव शामिल हैं। उन्होंने बताया कि कालाजार रोग बालू मक्खी के काटने से होता है। बालू मक्खी को जड़ से समाप्त करने के लिए ही दवा का छिड़काव किया जा रहा है। बालू मक्खी जमीन से छह फीट की ऊंचाई तक उड़ सकती हैं। इसलिए छिड़काव घर के अंदर छह फीट तक कराया जाता है।
जिला मलेरिया अधिकारी आलोक कुमार ने बताया कि अभियान के दौरान सात ब्लॉकों के 39410 घरों के करीब 1.43 लाख कमरों में आईआरएस (अंदुरूनी अवशिष्ट छिड़काव) होगा। छिड़काव से करीब 2.60 लाख की आबादी सुरक्षित होगी।
वर्ष-कालाजार रोगी-चमड़ी बुखार
2021—-02————01
2020—-16————-12
2019—–32————17
2018——40———–14 (Kala Azar Disease)
डब्ल्यूएचओ के जोनल कोर्डिनेटर डॉ.सागर घोडेकर ने बताया कहा कि अब कालाजार (Kala Azar Disease) का इलाज आसान हो गया है। मरीज के लिए कुशीनगर जिला अस्पताल में अच्छी व्यवस्था की गयी है। दवा महंगी होने के बावजूद निःशुल्क उपलब्ध कराया जाता है। ऐसे में आमजन से अपील है कि यदि किसी को कालाजार के लक्षण दिखे तत्काल जांच कराकर जिला अस्पताल से इलाज शुरू करा दें। उन्होंने निजी चिकित्सकों से भी अपील की है कि यदि किसी के पास कोई कालाजार का रोगी इलाज कराने पहुंचे तो जिला अस्पताल की राह दिखाएं।
जिला मलेरिया अधिकारी ने बताया कि कालाजार बालू मक्खी से फैलने वाली बीमारी है। यह मक्खी नमी वाले स्थानों पर अंधेरे में पाई जाती है। यह 6 फीट ही उड़ पाती है। इसके काटने के बाद मरीज बीमार हो जाता है। उसे बुखार होता है और रुक-रुक कर बुखार चढ़ता-उतरता है। लक्षण दिखने पर मरीज को चिकित्सक को दिखाना चाहिए। इस बीमारी में मरीज का पेट फूल जाता है। भूख कम लगती है। शरीर काला पड़ जाता है।
kushinagar : कालाजार से बचाव के लिए 2274 घरों में होगा छिड़काव