Success Story: किताबें उधार लेकर IRS बने कुलदीप द्विवेदी, पिता करते थे ये काम

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नई दिल्ली। साल 2015 में यूपीएससी परीक्षा का परिणाम आने के बाद एक सफल उम्मीदवार का नाम खूब चर्चा में रहा था। ये थे आईआरएस कुलदीप द्विवेदी। कुलदीप के घर के हालात ज्यादा अच्छे नहीं थे। उनका बचपन बब्द गरीबी में बीता था लेकिन उन्होंने अपने घर की इस परेशानी को कभी भीअपनी सफलता के आड़े नहीं आने दिया। आपको बता दें कि यूपीएससी परीक्षा देश की सबसे कठिन परीक्षा है। इसमें सफल होने के लिए आमतौर पर अभ्यर्थी कोचिंग आदि का सहारा लेते हैं। वहीं कुलदीप में सेल्फ स्टडी करके यूपीएससी परीक्षा में सफलता हासिल की थी जो अपने आप में एक बड़ी उपलब्धि थी। आइये जानते हैं आईआरएस कुलदीप द्विवेदी की सक्सेस स्टोरी (Success Story)

आईआरएस कुलदीप द्विवेदी (Success Story) उत्तर प्रदेश के निगोह जिले के एक छोटे से गांव शेखपुर के निवासी हैं। उनके पिता सूर्यकांत द्विवेदी लखनऊ विश्वविद्यालय में सिक्योरिटी गार्ड की नौकरी करते थे और उनकी सैलरी मात्र 1100 रुपये थी। इसी तनख्वाह से वे अपने परिवार के 5 लोगों का खर्चा चलाते थे। बच्चों को पढ़ाने के लिए सूर्यकांत दिन में खेतों में भी काम करते थे और साथ में गार्ड की भी नौकरी करते थे। 4 भाई-बहनों में कुलदीप पढ़ाई में काफी ज्यादा अच्छे थे। उन्होंने साल 2009 में इलाहाबाद विश्वविद्यालय से ग्रेजुएशन किया था। इसके बाद 2011 में पोस्‍टग्रेजुएशन की डिग्री हासिल करने के बाद ये यूपीएससी एग्‍जाम की तैयारी में जुट गए थे। (Success Story)

(Success Story) उन्होंने इलाहाबाद में रहकर ही UPSC की तैयारी की थी। उस वक्त उनके पास मोबाइल नहीं था और वह पीसीओ से अपने परिजनों से बात किया करते थे। कुलदीप द्विवेदी साल 2015 में पहली बार यूपीएससी परीक्षा में बैठे और अपने पहले ही प्रयास में उन्होंने 242वीं रैंक हासिल कर ली। अगस्त 2016 में नागपुर में उनकी ट्रेनिंग शुरू हो गई थी। आपको बता दें कि कुलदीप ने यूपीएससी परीक्षा के लिए किसी तरह की कोचिंग का सहारा नहीं लिया था। वह अन्य अभ्यर्थियों से किताबें उधार लेकर सेल्फ स्टडी किया करते थे। (Success Story)

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