लखनऊ। लोकसभा चुनाव धीरे धीरे परिणति की ओर बढ़ रहा है। सियासी पार्टिया प्रचार में पूरी ताकत झोंक रही हैं। पीएम मोदी रैलियों का रिकार्ड बना रहे हैं। इन सबसे अलग उत्तर प्रदेश में इन दिनों रघुराज प्रताप सिंह राजा भैया लगातार सुर्खियों में बने हुए हैं। अमितशाह समेत बीजेपी कई शीर्ष नेता उनके दर पर माथा तक चुके हैं, लेकिन सभी को खाली हाथ लौटना पड़ा। समाजवादी पार्टी ने भी उनसे समर्थन मांगा है। अब सूत्रों से जानकारी मिल रही है कि राजा भैया इण्डिया गठबंधन के प्रत्याशियों का समर्थन करेंगे।
उल्लेखनीय है कि प्रतापगढ़ स्थित बेंती रियासत के वारिश रघुराज प्रताप सिंह राजा भैया का अवध की दर्जन भर लोकसभा सीटों पर खासा प्रभाव है। इसलिए बीजेपी और सपा दोनों उनका समर्थन पाने को हमेशा बेताब रहते हैं। लेकिन इस बार अभी तक राजा भैया ने अपने पत्ते नहीं खोले। अब संकेत मिल रहे हैं कि राजा भैया इंडिया गठबंधन के प्रत्याशियों को समर्थन देंगे।
सियासत के जानकारों का मानना है कि अगर इण्डिया गठबंधन को राजा भैया का समर्थन मिला तो इलाहाबाद, फूलपुर, कौशांबी, प्रतापगढ़ और अमेठी लोकसभा सीटें बीजेपी के हाथ से निकल जाएंगी। पिछले लोकसभा चुनाव में इन सीटों पर बीजेपी ने जीत दर्ज की थी। यही वजह है कि अमित शाह से लेकर कई शीर्ष बीजेपी नेता उनसे मुलाक़ात कर चुके हैं।
सूत्रों के मुताबिक राजा भैया के अधिवक्ता सपा नेता इंद्रजीत सरोज के खिलाफ मानहानि का मुकदमा वापस लेंगे। बताते चलें कि 2019 के लोकसभा चुनाव में सपा प्रत्याशी इंद्रजीत सरोज ने राजा भैया के खिलाफ आपत्तिजनक टिप्पणी की थी। राजा भैया के कानूनी सलाहकार हनुमान प्रसाद पांडेय ने इंद्रजीत सरोज के खिलाफ मानहानि का मुकदमा दाखिल किया था। इस बार के चुनाव में कौशांबी से इंद्रजीत सरोज के बेटे पुष्पेंद्र सरोज इंडिया गठबंधन के प्रत्याशी हैं।
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