Up Kiran, Digital Desk: उत्तर प्रदेश में चुनाव ड्यूटी पर जान गंवाने वालों की फेहरिस्त फिर लंबी हो गई। इस बार बरेली के भोजीपुरा क्षेत्र के परदोली गांव में एक प्राथमिक स्कूल के शिक्षक ने सर्वे के दौरान ही दम तोड़ दिया। नाम था सर्वेश गंगवार। उम्र महज 42 साल। घर में दो छोटे छोटे बच्चे और बुजुर्ग मां बाप अब अनाथ से हो गए।
सुबह ड्यूटी पर गए, शाम को अर्थी लौटी
सर्वेश गंगवार अपने गांव के ही प्राथमिक विद्यालय में पढ़ाते थे। इस बार उन्हें विशेष संक्षिप्त पुनरीक्षण यानी एसआईआर सर्वे के लिए बीएलओ बनाया गया था। सुबह घर से निकले तो बच्चों से कहा था कि आज थोड़ा देर आएंगे। लेकिन किसे पता था कि यह उनकी जिंदगी का आखिरी सफर है।
ग्रामीण बताते हैं कि दोपहर करीब ढाई बजे सर्वेश अचानक सीने पर हाथ रखकर जमीन पर गिर पड़े। साथ में मौजूद सुपरवाइजर ने पहले तो कुछ देर इधर उधर देखा फिर बिना कुछ कहे वहां से चुपचाप निकल गया। लोगों ने जब उसे रोकने की कोशिश की तो वह भाग खड़ा हुआ।
गांव वालों ने उठाया, सुपरवाइजर ने मुंह फेर लिया
गांव के लोग दौड़े। किसी ने ऑटो रोका किसी ने सर्वेश को गोद में उठाया। नजदीकी सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र तक ले गए। लेकिन वहां डॉक्टरों ने हाथ खड़े कर दिए। कहा कि उन्हें लाने से पहले ही दिल ने साथ छोड़ दिया था।
लोगों का गुस्सा सुपरवाइजर पर फूट पड़ा। सब यही पूछ रहे थे कि जब शिक्षक गिरे तो तुरंत एम्बुलेंस क्यों नहीं बुलाई गई। कम से कम पास के प्राइवेट अस्पताल तक क्यों नहीं ले जाया गया। जवाब किसी के पास नहीं था।
चार महीने पहले गई थी पत्नी, अब बाप भी चला गया
सर्वेश का परिवार पहले से ही सदमे में डूबा हुआ था। अभी चार महीने पहले ही उनकी पत्नी कैंसर से जिंदगी की जंग हार गई थीं। घर में दो बच्चे एक दस साल की बेटी और आठ साल का बेटा अब पूरी तरह अनाथ हो गए। मां बाप बुढ़ापे में अकेले रह गए।
गांव में मातम पसरा है। लोग कह रहे हैं कि सरकार ड्यूटी के नाम पर जान ले रही है लेकिन जिम्मेदारी कोई नहीं लेता।
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