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स्वस्थ और आरामदायक रहने के लिए हमारी आंखों को आंसू चाहिए।  यदि आँखों से पर्याप्त आँसू नहीं निकलते हैं, तो इसे ड्राई आई सिंड्रोम कहा जाता है।  ड्राई आई तभी होती है जब आंखें सही तरह से आंसू नहीं बनाती हैं। अनुमान के अनुसार, भारत में ड्राई आई सिंड्रोम के हर साल करीब 10 मिलियन मामले आते हैं।

ड्राई आई सिंड्रोम के कारण

इस आर्टिकल में हम निम्न बातों के बारे में जानकारी प्राप्त करेंगे:

  • ड्राई आई सिंड्रोम क्या है (What is dry eye syndrome)
  • ड्राई आई सिंड्रोम के कारण (Causes of dry eye syndrome)
  • ड्राई आई सिंड्रोम के लक्षण (Symptoms of dry eye syndrome)
  • ड्राई आई सिंड्रोम के उपचार (Treatment of dry eye syndrome)

ड्राई आई सिंड्रोम क्या है

“ड्राई आई सिंड्रोम एक सामान्य स्थिति है, जब आखों से पर्याप्त मात्रा में आसुओं का उत्पादन और स्राव नही हो पाता, जिसके फलस्वरूप आंखे ड्राई अर्थात् सूखी रहती हैं।”ड्राई आई सिंड्रोम के कारण अनेक हैं जैसे: यदि आंखों में पर्याप्त मात्रा में आँसुओ का उत्पादन नही होता हैं या यदि खराब गुणवत्ता वाले आसुंओ का उत्पादन होता हैं तो सूखी आँखें हो सकती हैं।

ड्राई आई सिंड्रोम के अन्य नाम

ड्राई आई सिंड्रोम को Keratoconjunctivitis Sicca भी कहते हैं।

ड्राई आई सिंड्रोम के कारण

ड्राई आई सिंड्रोम के कारण बहुत सारे हैं।

आंसू फिल्म में तीन परतें होती हैं: वसायुक्त तेल, जलीय द्रव और बलगम।  यह संयोजन आम तौर पर आपकी आंखों की सतह को चिकना, चिकना और स्पष्ट रखता है।  इनमें से किसी भी परत की समस्या के कारण सूखी आंखें हो सकती हैं।टियर फिल्म की शिथिलता के कई कारण हैं, जिनमें हार्मोन परिवर्तन (Change in hormones),ऑटोइम्यून रोग (Autoimmune disorders), आखों की एलर्जी (Allergy) मुख्य है।

कुछ लोगों में, ड्राई आई सिंड्रोम के कारण में आंसू उत्पादन में कमी या आंसू के वाष्पीकरण में वृद्धि भी है।

आंसुओ के उत्पादन में कमी

आंसू उत्पादन में कमी के सामान्य कारण निम्न हैं:

  • उम्र में वृद्धि
  • कॉन्टेक्ट लेंस (Contact lens) का उपयोग
  • आखों की तंत्रिकाओं का नष्ट होना
  • लेजर तकनीक से आखों का ऑपरेशन
  • कुछ विशिष्ट रोगों की दवाओं का प्रयोग जैसे: पार्किनसन्स रोग (Parkinson’s disease), मुंहासों (acne) की दवाएं, गर्भनिरोधक गोलियां (birth control pills), उच्च रक्तचाप (high blood pressure), एंटीहिस्टामाइन (Antihistamine), decongestants, hormone replacement therapy, antidepressants
  • कुछ विशिष्ट मेडिकल कंडिशंस जैसे: Sjogren’s syndrome, allergic eye disease (आखों के एलर्जी), rheumatoid arthritis, lupus, scleroderma, graft vs.host disease, sarcoidosis, thyroid disorders (थायरॉइड ग्लैंड की बीमारियां), विटामिन ए की कमी (vitamin A deficiency)

आसुओं के वाष्पीकरण में वृद्धि

आंसू के वाष्पीकरण में वृद्धि के सामान्य कारण निम्न हैं:

  • पोस्टीरियर ब्लेफराइटिस (Posterior blepharitis या मेइबोमाइन ग्रंथि का रोग (Meibomian gland dysfunction)
  • पढ़ते, गाड़ी चलाते या कंप्यूटर (Computer) में काम करते समय कम झपकी लेना
  • पलकों की समस्याएं, जैसे कि पलकें बाहर की ओर मुड़ना (Ectropion) और पलकें अंदर की ओर मुड़ना (Entropion)
  • आखों में किसी प्रकार की एलर्जी
  • आखों के ड्रॉप में उपस्थित कुछ पदार्थ
  • तेज हवा
  • धूम्रपान
  • ड्राई एयर
  • विटामिन ए की कमी

ड्राई आई सिंड्रोम होने का खतरा किनको ज्यादा है

निम्न प्रकार की परिस्थितियों में ड्राई आई सिंड्रोम होने का खतरा बढ़ जाता है।

  • 50 से अधिक उम्र का होना। जैसे-जैसे आप बड़े होते हैं, आंसुओ का उत्पादन कम होता जाता है। ड्राई आई सिंड्रोम 50 साल से अधिक उम्र के लोगों में अधिक सामान्य हैं।
  • पुरुषो के मुकाबले महिलाओं में क्योंकि महिलाओं में आँसू की कमी सबसे सामान्य बात है, खासकर अगर वे गर्भावस्था के कारण हार्मोनल परिवर्तन या रजोनिवृत्ति के दौर से गुजरती हैं, गर्भनिरोधक गोलियों का सेवन करती हैं।
  • ऐसे आहार का सेवन करना जो विटामिन ए में कम हो या ओमेगा-3 फैटी एसिड (Omega 3 fatty acid) में कम होता है।
  • कॉन्टैक्ट लेंस पहनना।
  • आखों की लेजर सर्जरी होना।

ड्राई आई सिंड्रोम से बचाव

यदि आप सूखी आंखों का अनुभव करते हैं, तो उन स्थितियों पर ध्यान दें जो ड्राई आई सिंड्रोम के कारण बनने में सबसे अधिक उत्तरदाई है।

ड्राई आई सिंड्रोम से बचाव के उपाय निम्न हैं।

  • आखों में डायरेक्ट हवा को जाने दे: कभी भी हेयर ड्रॉयर्स (hair dryer), एयर कंडीशनर (Air conditioner या AC), पंखा आदि की हवा को आखों के डायरेक्ट संपर्क में न लाए, ये आसुओं के उत्पादन को प्रभावित कर सकते हैं।
  • हवा में कुछ नमी बनाए रखे: ड्राई आई सिंड्रोम में आखों को सूखी हवा से बचाए रखने का प्रयास करें। हवा विशेषकर सर्दियों में सूखी रहती है, ऐसी स्थिति में हवा में नमी बनाए रखने के लिए ह्यूमिडीफायर (Humidifier) का प्रयोग करें।
  • सनग्लासेज (Sunglasses) का प्रयोग करें: हवा के डायरेक्ट संपर्क से आखों को बचाने के लिए सनग्लासेज का प्रयोग करें।
  • लगातार एक ही चीज को देखने से बचे: यदि आप पढ़ रहे हैं या कोई अन्य कार्य कर रहे हैं जिसमें लंबे समय तक फोकस करने की आवश्यकता है, तो समय-समय पर आई ब्रेक लें। कुछ मिनट के लिए अपनी आंखें बंद कर लें या कुछ सेकंड के लिए बार-बार पलकें झपकाएं ताकि आपके आंसू आपकी आंखों पर समान रूप से फैल सकें।
  • कंप्यूटर को आखों के स्तर से नीचे रखे: यदि आपकी कंप्यूटर स्क्रीन आंखों के स्तर से ऊपर है, तो आप स्क्रीन को देखने के लिए अपनी आंखों को और बड़ा करके खोलेंगे। अपनी कंप्यूटर स्क्रीन को आंखों के स्तर से नीचे रखें ताकि आप अपनी सामान्य रूप से कंप्यूटर को देख पाए। यह आंसुओं के वाष्पीकरण को धीमा करने में सहायता कर सकता है।
  • धूम्रपान करे (Stop smoking): अगर आप धूम्रपान करते हैं तो धूम्रपान करना कम कर दे या बिलकुल छोड़ दे। अगर आप धूम्रपान नहीं करते तो ऐसे लोगो से दूरी बनाइए जो धूम्रपान करते हैं क्योंकि धूम्रपान करने वाले व्यक्ति के सामने बैठने से धुआं का कुछ अंश शरीर में जाता है जो ड्राई आई सिंड्रोम के कारण में से एक है।

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