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पहले जून और फ‍िर जुलाई महीने में सुपरमून (Supermoon) दिखने के बाद अब एक और सुपरमून अंतरिक्ष में दिखने वाला है। ये सुपरमून 11 अगस्‍त को दिखेगा। ये साल का आखिरी सुपरमून है। जानकार बता रहे हैं कि भारत में भी पूर्णिमा के इस चांद को देखा जा सकेगा, लेकिन यहां 12 अगस्‍त यानी शुक्रवार दिखाई देगा। जैसे पिछले दो सुपरमून के नाम स्‍ट्रॉबेरी मून और थंडर मून थे, उसी तरह से इस बार दिखने वाले सुपरमून को ‘फुल स्टर्जन मून’ कहा जायेगा। यह लगातार चार सुपरमून में से चौथा होगा।

नासा से मिली जानकारी के मुताबिक स्टर्जन शब्द की उत्‍पत्ति अमेरिकी जनजाति अल्गोंक्विन (Algonquin) से हुई है। हर साल यह जनजाति इस सीजन में स्टर्जन मछली को पकड़ती है, जिस वजह से इस पूर्णिमा को स्टर्जन मून नाम दिया गया है। नासा के वैज्ञानिकों का कहना है कि सुपरमून (Supermoon) उस स्थिति को कहते हैं जब चंद्रमा की कक्षा पृथ्वी के सबसे करीब होती है उसी समय चंद्रमा पूर्ण होता है। एक सुपरमून औसत रात की तुलना में 14 से 30 फीसदी अधिक चमकदार नजर आ सकता है। बुधवार से शुक्रवार तक तीन दिन इस सुपरमून के दिखाई देने की संभावना जताई जा रही है।

वैज्ञानिक नजरिए से समझा जाये तो चंद्रमा इस दिन पृथ्वी की कक्षा में अपने निकटतम बिंदु पेरिगी पर पहुंच जाएगा। इसकी वजह से वह आम पूर्णिमा के मुकाबले सामान्य से थोड़ा बड़ा नजर आएगा। इस दौरान पृथ्‍वी और चंद्रमा के बीच की दूरी 26 हजार किलोमीटर कम हो जाएगी।(Supermoon) वैज्ञानिकों की माने तो स्टर्जन मून की वजह से आकाश में दिखाई देने वाली दूसरी खगोलीय घटनाएं भी प्रभावित होंगी।। इसी समय में पर्सिड्स उल्का बौछार भी होनी है। इसे साल की सबसे बेहतरीन उल्‍का बौछारों में से एक माना जा रहा है, लेकि कहा जा रहा है कि इस सुपरमून की वजह से इसका मजा कम हो सकता है।

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