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Up kiran,Digital Desk : अगर आप भी अपने घर से दूर किसी दूसरे शहर में हॉस्टल या PG में रहकर पढ़ाई या नौकरी कर रहे हैं, तो सुप्रीम कोर्ट से आपके लिए एक बड़ी और राहत भरी खबर आई है। सुप्रीम कोर्ट ने साफ कर दिया है कि हॉस्टल या PG के किराए पर 18% GST नहीं लगेगा।

क्या था पूरा मामला?

दरअसल, कन्फ्यूजन इस बात को लेकर था कि अगर कोई व्यक्ति अपना मकान किसी कंपनी को किराए पर देता  जो उसे छात्रों या वर्किंग प्रोफेशनल्स के लिए हॉस्टल की तरह चलाती है, तो क्या उस किराए को कमर्शियल माना जाएगा और उस पर GST लगेगा?

इस मामले में निचली अथॉरिटी ने कहा था कि हाँ, इस पर GST लगना चाहिए। लेकिन अब देश की सबसे बड़ी अदालत ने इस फैसले को पलट दिया है।

सुप्रीम कोर्ट ने क्या कहा?

सुप्रीम कोर्ट ने बहुत ही सरल और स्पष्ट बात कही। जजों ने कहा:
"हॉस्टल भी तो आखिर रहने की ही जगह है। चाहे कोई छात्र रहे या कोई नौकरीपेशा व्यक्ति, उसका मूल उद्देश्य 'आवासीय' ही रहता है। इसलिए इसे कमर्शियल नहीं माना जा सकता और इस पर GST लगाना गलत है।"

अदालत ने यह भी कहा कि अगर इस पर 18% GST लगाया गया, तो इसका सीधा बोझ उन छात्रों और युवाओं पर पड़ेगा जो पहले से ही सीमित बजट में अपना गुजारा करते हैं। कानून का मकसद लोगों की मुश्किलें कम करना है, बढ़ाना नहीं।

यह फैसला बेंगलुरु की एक 42 कमरों वाली प्रॉपर्टी के मामले पर आया, लेकिन इसका असर अब पूरे देश में लाखों छात्रों, प्रोफेशनals और प्रॉपर्टी मालिकों पर पड़ेगा