Up kiran,Digital Desk : मंगलवार की दोपहर के ठीक दो बजे थे। बरेली की सूफी टोला गली में जब बरेली विकास प्राधिकरण (BDA) के दो पीले बुलडोजर पुलिस की भारी फोर्स के साथ दाखिल हुए, तो हवा में खुशियों की जगह चीखें गूंजने लगीं। निशाना थे सपा नेता सरफराज वली खां और राशिद खां के दो बारात घर, जो पूर्व मंत्री आज़म खान और मौलाना तौकीर रजा के करीबी माने जाते हैं। लेकिन यह कार्रवाई सिर्फ दो इमारतों पर नहीं, बल्कि उनमें रह रहे कई परिवारों के दिलों पर भी चली।
"रहम करो... खुदा से डरो..."
जैसे ही बुलडोजरों ने अपनी पोजीशन ली, बारात घरों की छतों और खिड़कियों से औरतों और युवतियों की रोने और चीखने की आवाजें आने लगीं। वे बिलख-बिलख कर अधिकारियों से एक ही गुहार लगा रही थीं- "रहम करो... रहम करो... खुदा से तो डरो...!"
दूसरे बारात घर (गुड मैरिज हॉल) के अंदर का मंजर और भी दर्दनाक था। राशिद खां के दो मरहूम भाइयों (पप्पू और आसिफ) की बेवा पत्नियाँ और उनके बच्चे घर से बाहर निकलने को तैयार नहीं थे। वे हाथ जोड़कर रो रहे थे कि यह सिर्फ मैरिज हॉल नहीं, उनका घर भी है। अगर यह टूट गया तो वे सड़क पर आ जाएंगे।
40 मिनट का वो भारी हंगामा
लगभग 40 मिनट तक माहौल बेहद तनावपूर्ण बना रहा। एक तरफ पुलिस घर के अंदर मौजूद महिलाओं को बाहर निकालने की कोशिश कर रही थी, तो दूसरी तरफ बाहर परिवार के मर्द बुलडोजर के सामने आकर कार्रवाई रोकने की कोशिश कर रहे थे। एक बुजुर्ग महिला तो बिलखते हुए बुलडोजर के पास आकर अपना माथा पीटने लगीं। वह बस एक ही बात दोहरा रही थीं- "मेरा घर मत तोड़ो!"
परिवार के लोगों का कहना था कि यह बारात घर ही उनकी रोजी-रोटी का एकमात्र जरिया है। अधिकारी भी बस इतना ही कह पा रहे थे कि उन्हें "ऊपर से ऑर्डर" हैं और वे मजबूर हैं।
सिर्फ 2 दिन पहले मिला नोटिस?
परिवार वालों का आरोप है कि उन्हें BDA ने सिर्फ 29 नवंबर की रात 10 बजे नोटिस दिया और 1 दिसंबर को इसे तोड़ने की बात कही। उनका कहना है कि उनकी बिल्डिंग रिहायशी भी है और मौलाना तौकीर रजा से जबरन उनकी रिश्तेदारी जोड़ी जा रही है ताकि कार्रवाई को सही ठहराया जा सके।
क्या कहती है BDA?
वहीं, BDA के उपाध्यक्ष का कहना है कि दोनों बारात घर बिना नक्शा पास कराए बनाए गए थे, जो कि पूरी तरह से अवैध है। शिकायतें मिलने पर जांच की गई और आरोप सही पाए गए। नोटिस दिए जाने के बावजूद वे कोई सबूत पेश नहीं कर पाए, इसलिए ध्वस्तीकरण की कार्रवाई की जा रही है।
मंगलवार को अंधेरा होने तक दोनों बारात घरों का कुछ हिस्सा तोड़ा गया और कार्रवाई रोक दी गई, जिसे बुधवार को फिर से शुरू किया जाएगा। पीछे रह गया है तो बस मलबा, और उन औरतों और बच्चों के आँसू जो कल तक इसे अपना घर कहते थे।
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