Up Kiran, Digital Desk: दिल्ली के दिल यानी लाल किले के पास हुए कार धमाके की जांच में एक बहुत बड़ा और चौंकाने वाला खुलासा हुआ है। जांच एजेंसियों को अब उस शख्स के बारे में पता चल गया है, जिसके बारे में शक है कि वही धमाके वाली कार को चला रहा था। सूत्रों के मुताबिक, यह शख्स कोई और नहीं बल्कि जम्मू-कश्मीर के पुलवामा का रहने वाला डॉ. उमर है।
इस खुलासे के बाद अब जांच की सुई सीधे तौर पर कश्मीर घाटी से जुड़ गई है और इस हमले के पीछे एक बड़ी आतंकी साजिश की आशंका और भी पुख्ता हो गई है।
फरीदाबाद से लेकर पुलवामा तक जुड़े तार
जांच में यह बात सामने आई है कि डॉ. उमर फरीदाबाद के एक कॉलेज का छात्र था। यहीं से वह उस आतंकी मॉड्यूल के संपर्क में आया, जिसका भंडाफोड़ दिल्ली पुलिस और खुफिया एजेंसियों ने धमाके से कुछ घंटे पहले ही किया था। आपको याद होगा कि फरीदाबाद से 360 किलो अमोनिया नाइट्रेट समेत भारी मात्रा में विस्फोटक बनाने का सामान बरामद हुआ था।
अब एजेंसियां इस बात की जांच कर रही हैं कि क्या डॉ. उमर ने ही एक फिदायीन हमलावर की तरह इस हमले को अंजाम दिया था।
कार के सफर का डरावना सच
दिल्ली पुलिस की स्पेशल सेल ने जब 100 से ज्यादा CCTV फुटेज को खंगाला, तो कार के पूरे सफर की कहानी सामने आ गई।
फुटेज में दिखा है कि कार फरीदाबाद से दिल्ली में दाखिल हुई थी।
सबसे डराने वाली बात यह है कि धमाके से करीब दो घंटे पहले, इस कार को लाल किले के पास एक पार्किंग में खड़ा किया गया था।
शाम को मौका देखकर, इस कार को पार्किंग से निकाला गया और ट्रैफिक के बीच ले जाकर इसमें विस्फोट कर दिया गया।
यह पूरी प्लानिंग दिखाती है कि हमलावरों का मकसद ज्यादा से ज्यादा भीड़भाड़ वाले इलाके में सबसे अधिक नुकसान पहुंचाना था।
अब दिल्ली पुलिस की स्पेशल सेल और NIA जैसी बड़ी एजेंसियों का पूरा फोकस डॉ. उमर और उसके पुलवामा कनेक्शन पर है। एजेंसियां यह पता लगाने की कोशिश कर रही हैं कि इस साजिश में और कितने लोग शामिल थे और क्या उनका नेटवर्क दिल्ली और फरीदाबाद से लेकर कश्मीर तक फैला हुआ था। यह खुलासा इस केस का सबसे अहम मोड़ माना जा रहा है, जिससे अब जल्द ही इस हमले के पीछे के असली चेहरों के बेनकाब होने की उम्मीद बढ़ गई है।
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