प्रयागराज। महंत नरेंद्र गिरि (Mahant Narendra Giri) को बाघंबरी मठ में भू-समाधि दे दी गई है। उनके शिष्य बलबीर गिरी ने भू समाधि की सभी अंतिम क्रिया पूरी की। महंत नरेंद्र गिरी को 10-12 फिट का गड्ढा खोदकर भू-समाधि दी गई। इस गड्ढे में उन्हें शवआसन की मुद्रा में लेटाया गया है।
इससे पहले महंत नरेंद्र गिरि (Mahant Narendra Giri) के पार्थिव शरीर को जब संगम पर ले जाया गया था जहां भारी भीड़ होने की वजह से शव को स्नान कराने की प्रक्रिया को ट्रक के अंदर ही पूरा किया गया। इस बारे में संगम तीर्थ के पुरोहित दीपू मिश्रा ने बताया कि पहले यह व्यवस्था की गई थी कि महंत नरेंद्र गिरी का पार्थिव शरीर ट्रक से उतारकर संगम स्थान कराया जाएगा और स्नान कराया जायेगा लेकिन पोस्टमॉर्टम होने के बाद उनके शव को संगम के जल में उतारना संभव नहीं था।
लिहाजा ट्रक में ही पार्थिव शरीर पर संगम का पवित्र जल छिड़का गया और संगम स्नान की औपचारिकता पूरी की गई। बता दें कि महंत (Mahant Narendra Giri) ने अपने सुसाइड नोट में इसी स्थान पर भू समाधि देने की इच्छा जताई थी। महंत नरेंद्र गिरि के पार्थिव शरीर को समाधि देने की प्रक्रिया लगभग पूरी हो गईं है। महंत को अंतिम विदाई देने के लिए बाघंबरी मठ में साधु संतों का जमावड़ा लगा था। साधु संत हाथ जोड़कर प्रार्थना में जुटे।
समाधि स्थल को भी मिट्टी से पाटने का कार्य शुरू कर दिया गया है।समाधि स्थल पर सभी साधु संत और महात्मा अखाड़ों की परंपरा के अनुरूप महंत नरेंद्र गिरि (Mahant Narendra Giri) के पार्थिव शरीर पर जल, पुष्प, गुलाल का छिड़काव किया गया।
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