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जम्मू-कश्मीर के अनंतनाग जिले में 13 सितंबर से जारी मुठभेड़ छठे दिन भी जारी है। गडोले कोकेरनाग में जहां आतंकवादी छिपे हुए हैं, वहां सेना के जवान हाई अलर्ट पर हैं। सेना दहशतगर्दों के ठिकानों पर भारी गोलीबारी कर रही है। आधुनिक हथियारों की मदद से बम भी बरसाए जा रहे हैं।

गोलीबारी के अलावा सेना ने दहशतगर्दों को उनके ठिकानों से खदेड़ने के लिए एक और तरीका भी अपनाया है। जवानों को आशंका है कि आतंकी गुफा में छिपे हुए हैं। इसलिए इन गुफाओं में आग लगा दी गई है। हालांकि, निरंतर छह दिनों तक अभियान चलने के बाद भी दहशतगर्दों को मार गिराना अब तक संभव नहीं हो पाने की जो वजह सामने आ रही है, वह इस प्रकार है।

गुफा में आग लगाने के पीछे का कारण यह है कि अगर आतंकवादी गुफा में छिपे होंगे तो धुएं के कारण उनका दम घुट जाएगा या गर्मी बढ़ने के कारण वे बाहर आ जाएंगे ताकि उन्हें निशाना बनाया जा सके। कश्मीर में आतंकवाद विरोधी ऑपरेशन में यह अब तक का सबसे लंबा चलने वाला ऑपरेशन रहा है। सेना इस ऑपरेशन को जल्द से जल्द खत्म करने की कोशिश कर रही है। इसके लिए सेना पहले से भी ज्यादा आक्रामक तरीके से कार्रवाई कर रही है। पीर पंजाल की पहाड़ियों में सेना ने अपना आक्रमण तेज कर दिया है।

इसके अलावा, जम्मू-कश्मीर जम्मू-कश्मीर पुलिस ने कोकेरनाग में एक कमांड सेंटर भी स्थापित किया है। वहां से उन्हें ऑपरेशन की लाइव फीड मिल रही है। इस ऑपरेशन का यह छठा दिन है। रविवार को सेना ने दहशतगर्दों की लोकेशन ट्रैक की। साथ ही उनके ठिकानों पर बड़े पैमाने पर गोलाबारी की गई। इस ऑपरेशन में सेना ने अपने हाईटेक ड्रोन सिस्टम और ग्रेनेड लॉन्चर का इस्तेमाल किया।

दहशतगर्दों को पता है कि उन्हें पढ़ना मुश्किल है। ऐसे में वे घने जंगलों में गुफाओं का आश्रय लेकर छुपे हुए हैं। मगर आतंकवादी अभी भी जीवित हैं क्योंकि वे ऊंचाई पर छिपे हुए हैं। इस वजब से ऑपरेशन अभी तक पूरा नहीं हो सका।

 

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