कर्मचारियों की हड़ताल से उत्तराखंड में रोडवेज बसों के पहिये थमे, जानिए क्या हैं इनकी मांगे

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देहरादून। प्रदेश में रोडवेज कर्मचारी यूनियन की प्रदेशव्यापी हड़ताल से बुधवार तड़के बसों के पहिये थम गए। पांच माह से लंबित वेतन के भुगतान सहित सात सूत्री मांगों को लेकर रोडवेज कर्मचारी हड़ताल पर चले गए हैं। बसों का संचालन न होने से यात्रियों की परेशानी बढ़ गई हैं। हड़ताल में पैंतीस सौ कर्मचारी शामिल हैं।
Roadways in Uttarakhand

समस्त मार्गों की बसों का संचालन ठप

बुधवार को हड़ताली कर्मचारियों ने सुबह से ही देहरादून के आईएसबीटी, मसूरी बस अड्डा और कार्यशाला के गेट पर पहुंचना शुरू कर दिया और पहली बस सेवा से ही संचालन रोक दिया। देहरादून, हल्द्वानी और टनकपुर मंडल में दिल्ली समेत लंबी दूरी के समस्त मार्गों की बसों का संचालन ठप हो गया है। रोडवेज प्रबंधन ने दोपहर में हड़ताली यूनियन के पदाधिकारियों को वार्ता के लिए बुलाया है। अभी 20 फीसद बसों का संचालन हो रहा, जिससे यात्रियों को खासी परेशानी झेलनी पड़ रही।
हालांकि, दूसरे कर्मचारी संगठनों के चालक-परिचालक ड्यूटी पर भेजे जा रहे हैं। रोडवेज प्रबंधन कई बसों पर परिचालक न मिलने पर केवल चालक को टिकट मशीन देकर भेज रहा है। देहरादून मंडल की हड़ताल का आज पांचवा दिन है। मण्डल में पहले से ही करीब 1200 कर्मचारी हड़ताल पर हैं। रोडवेज के बाकी सभी मंडलों में भी हड़ताल शुरू हुई है।
यूनियन के महामंत्री अशोक चौधरी का कहना है कि यूनियन से जुड़े करीब 3500 कर्मचारी हड़ताल पर है। इनमें बड़ी संख्या ड्राइवर और कंडक्टरों है। इस वजह से बस सेवा करीब 80 फीसदी तक ठप हो गया। उनका कहना है कि जब तक उनकी मांगें नहीं मानी जाएंगी, तब तक वह आंदोलन जारी रखेंगे। वहीं, निगम के महाप्रबंधक संचालन दीपक जैन ने बताया कि कर्मचारी यूनियन से वार्ता की जा रही है. जल्दी ही उन्हें मना लिया जाएगा।
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