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मोदी सरकार ने एक बार फिर अपने फैसले से सभी को चौंका दिया है। संसद का मानसून सत्र कुछ दिनों पहले खत्म हुआ है और अब सरकार ने संसद का विशेष सत्र 18 से 22 सितंबर को बुलाया है। विशेष सत्र बुलाए जाने की खबर के बाद इसकी टाइमिंग को लेकर चर्चा शुरू हो गई है। तमाम तरह के कयास लगाए जा रहे हैं। एक देश एक चुनाव से लेकर यूजीसी जनसँख्या नियंत्रण और महिला आरक्षण बिल तक लाए जाने की संभावना जताई जा रही है।

हालांकि विशेष सत्र में क्या होगा यह किसी को नहीं पता है। चुनाव से पहले शीत कालीन सत्र भी है तो उससे पहले फैसला क्यों लिया गया। विपक्ष की ओर से भी सरकार के इस फैसले पर सवाल उठाया जा रहा है। लोकसभा में कांग्रेस के नेता अधीर रंजन चौधरी ने कहा कि ऐसी कौन सी इमरजेंसी है कि शीतकालीन सत्र तो होना ही है।

वही संसदीय कार्यमंत्री प्रकाश जोशी का कहना है कि अनंत काल के बीच आयोजित होने वाले बिजनेस सत्र के दौरान संसद में सार्थक चर्चा को लेकर आशान्वित हूं। अब मुद्दे की बात आखिर क्या करना चाहती है मोदी सरकार? वैसे तो सरकार के पास कई बिल हैं, मगर कुछ मुद्दे ऐसे हैं जिन्हें लेकर मोदी सरकार की खास दिलचस्पी रही है। ऐसा ही एक बिल यूनिफॉर्म सिविल कोड को लेकर है। राजनीतिक तौर पर देखें तो यूसीसी बिल भी केन्द्र में सत्ताधारी बीजेपी के लिए धारा 370 और राममंदिर मुद्दे जैसा ही है।

यूसीसी के बाद जनसंख्या नियंत्रण बिल का नंबर आता है। दोनों ही मुद्दे 2024 के लोकसभा चुनाव में बीजेपी को फायदा पहुंचा सकते हैं। वहीं लंबे समय से महिला आरक्षण बिल लाए जाने की मांग भी होती रही है। जिसे लेकर सोनिया गांधी और राहुल गांधी पीएम मोदी को पत्र भी लिख चुके हैं। विशेष सत्र में ये बिल भी लाए जाने की संभावना जताई जा रही है। एक देश एक चुनाव को लेकर भी काफी दिनों से बहस जारी है। 

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