इस देश ने कोरोना पहचान करने की तकनीक को बनाया बेहतर, इतने मिनट में आएगी रिपोर्ट

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दुनियाभर में कोरोना वायरस के वजह से अधिकतर देशों में तालाबंदी करी जा चुकी है, ऐसे में इसके चपेट में कई देश आ चुके हैं. आपको बता दें कि अब इससे लड़ने की नई तकनीक को इजाद किया जा रहा है. बता दें कि कोरोना वायरस इस समय पूरी दुनिया के लिए मौत का दूसरा नाम बन चुका है.

इस जानलेवा वायरस ने अब तक 13 हजार लोगों की जान ले ली है जिसमें भारत के भी 6 लोग शामिल हैं. कोरोना के ज्यादातर मामलों में देखा गया है कि लोगों के संक्रमित होने के बाद टेस्ट में देरी की वजह से इसे फैलने में मदद मिलती है. अब अमेरिका ने इसका तोड़ निकाल लिया है. अमेरिका के खाद्य और औषधि विभाग ने सिर्फ 45 मिनट में कोरोना वायरस डायग्नोस्टिक परीक्षण को मंजूरी दे दी है.

वहीं इससे संदिग्ध मरीज के बारे में सिर्फ 45 मिनट में पता चल जाएगा कि वो संक्रमित है या नहीं. अभी इस वायरस की जांच में काफी समय लगता है.इस तकनीक को विकसित करने वाली कैलिफोर्निया की आण्विक डायग्नोस्टिक्स कंपनी सेफेड ने कहा है कि शनिवार को इसके परीक्षण के लिए एफडीए की तरफ से स्वीकृति मिली थी.
फ़िलहाल अभी इसका इस्तेमाल अस्पतालों और आपातकालीन सेवाओं में किया जाएगा. कंपनी अगले हफ्ते इस तकनीक को शिपिंग के जरिए दूसरे राज्यों में भी पहुंचाने की योजना बना रही है.एफडीए ने एक अलग बयान जारी कर इसकी मंजूरी की पुष्टि की है. बयान में कहा गया है कि कंपनी 30 मार्च तक अपनी टेस्टिंग की उपलब्धता को लागू करना चाहती है.

 

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