नई दिल्ली॥ हिंदुस्तान में CAA लागू हो गया है। जबकि देश के कई हिस्सों में नागरिकता कानून के विरूद्द विरोध भी हो रहे हैं। विपक्ष भी इस कानून को लेकर सरकार पर निरंतर हमला बोल रहा है। उधर, हिंदुस्तान के CAA के विरूद्द यूरोपीय संसद के कुछ सदस्यों द्वारा पेश किए गए प्रस्ताव पर बहस और मतदान होना है। ऐसे में CAA पर इजरायल ने हिंदुस्तान का साथ दिया है।
यूरोपीय संसद में CAA के विरूद्द प्रस्ताव पेश किया गया है। अब इस पर बहस और मतदान होना है। इस बीच समाचार एजेंसी पीटीआई के मुताबिक इजराइल ने CAA पर हिंदुस्तान का समर्थन किया है। इजराइल के साउथ एशिया की कॉन्सुल जनरल दाना कुर्श ने मंगलवार को कहा कि सीएए हिंदुस्तान का आंतरिक मामला है। ऐसे में हिंदुस्तान को पूरी आजादी है कि वह अपने नागरिकों को लेकर कोई भी फैसला कर सकता है।
यूरोपियन यूनियन की संसद में CAA के प्रस्ताव पर पूछे गए सवाल के जवाब में दाना कुर्श ने कहा, ”हर देश को अपने आंतरिक मामलों पर फैसला लेने का अधिकार है और ऐसे में हिंदुस्तान अपने नागरिकों को लेकर कोई भी फैसला लेने का हकदार है। इसमें किसी दूसरे देश को दखल नहीं देना चाहिए।”
उन्होंने कहा कि हिंदुस्तान ने इजराइल को इस तरह के संकट में हमेशा साथ दिया है। इसलिए हम भी उसके साथ हैं। दाना कुश ने तमिलनाडु के एक कॉलेज में हिंदुस्तान-इजराइल ज्वाइंट कॉन्फ्रेंस में बोलते हुए ये बात कही।
हिंदुस्तान ने यूरोपीय संसद की ओर से CAA के विरूद्द तैयार किए गए प्रस्ताव पर आपत्ति जताई है। यूरोपीय संसद के कुछ सदस्यों ने CAA के विरूद्द प्रस्ताव तैयार किया है, जिस पर यूरोपीय संसद में बहस और मतदान होगा।
यूरोपिय यूनियन संसद के 751 सांसदों में से 626 सांसद कुल 6 प्रस्ताव CAA और जम्मू-कश्मीर के संबंध में लेकर आए हैं। हिंदुस्तान के CAA पर यूरोपीय यूनियन के सांसदों ने चिंता जताई है। उनका कहना है कि इस कानून के जरिए सबसे बड़े स्तर पर लोगों की नागरिकता छीनी जा सकती है, जिसकी वजह से कई लोग राज्यविहीन हो जाएंगे।