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हिंदू पंचांग के अनुसार हर साल आश्विन मास की प्रतिपदा तिथि से नवरात्रि का शुभारंभ होता है। शारदीय नवरात्रि (Shardiya Navratri) के नाम से भी जाना जाता है। नवरात्रि के पूरे नौ दिनों में मां दुर्गा के नौ अलग-अलग स्वरूपों की विधि-विधान से पूजा की जाती है। नवरात्रि में मां आदिशक्ति की आराधना करने के लिए लोग कलश स्थापना भी करते हैं। ज्योतिषी बता रहे हैं कि इस साल शारदीय नवरात्रि के पहले दिन एक अद्भुत संयोग बन रहा है। ऐसे में इस दिन का महत्व और अधिक बढ़ रहा है। आइये जानते हैं शारदीय नवरात्रि के शुभ मुहूर्त व अन्य खास बातें।

नवरात्रि का त्योहार कहां मनाया जाता है

मां दुर्गा को समर्पित नवरात्रि का ये पर्व देश के कई हिस्सों में अलग तरीके से मनाया जाता है। नवरात्रि (Shardiya Navratri) की रौनक पश्चिम बंगाल, उड़ीसा, असम, बिहार और यूपी समेत देश के कई राज्यों में देखने को मिलती है।

नवरात्रि महत्व

पंचांग के मुताबिक शारदीय नवरात्रि (Shardiya Navratri) को धर्म की अधर्म और सत्य की असत्य पर जीत का प्रतीक माना जाता है। मान्यता है कि मां दुर्गा के हर स्वरूप की कृपा से भक्तों की सभी मनोकामनाएं पूर्ण होती हैं। माता रानी अपने भक्तों को खुशी, शक्ति और ज्ञान प्रदान करती हैं।

कब से शुरू हो रहे हैं शारदीय नवरात्रि (Shardiya Navratri)

ज्योतिषी के मुताबिक इस साल 2022 में शारदीय नवरात्रि (Shardiya Navratri) 26 सितंबर से शुरू होंगे और 5 अक्टूबर तक चलेंगे। बता दें कि साल में कुल चार नवरात्रि पड़ती है। इनमें से 2 गुप्त और 2 प्रत्यक्ष नवरात्रि होती है।

शुक्ल व ब्रह्म योग का अद्भुत संयोग

ज्योतिषाचार्यों की मानें तो इस साल शारदीय नवरात्रि (Shardiya Navratri) पर शुक्ल और ब्रह्म योग का अद्भुत संयोग बन रहा है। हिंदू पंचांग में बताया गया है कि 26 सितंबर यानी नवरात्रि के पहले दिन शुक्ल योग सुबह 08 बजकर 06 मिनट तक रहेगा। इसके बाद ब्रह्म योग शुरू हो जायेगा। ज्योतिष शास्त्र में शुक्ल व ब्रह्म में पूजा करना शुभ फलदायी माना गया है।

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