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नई दिल्ली॥ भारतीय जनता पार्टी की नीतियों के विरूद्ध आरएसएस के एक संगठन ने मोर्चा खोल दिया है। जिसके चलते पार्टी में हड़कंप मच गया है। इस संगठन का विरोध करने का मुख्य कारण बेरोजगारी बताई जा रही है।

जानकारी के अनुसार, आरएसएस से जुड़े भारतीय मजदूर संघ (बीएमएस) ने पीएम मोदी के नेतृत्व वाले एनडीए सरकार की ‘श्रम विरोधी’ नीतियों के विरूद्ध 3 जनवरी यानी शुक्रवार को देशव्यापी विरोध प्रदर्शन की घोषणा की है। इसके अंतर्गत मजदूर संघ दिल्ली के जंतर मंतर के साथ ही सभी जिला मुख्यालयों पर प्रदर्शन करेगा।

भारतीय मजदूर संघ के महासचिव (बीएमएस) विरजेश उपाध्याय ने इस निर्णय के बारे में बताया और कहा कि उनका संगठन नौकरियों में कॉन्ट्रैक्ट तथा कैजु़अल सिस्टम बढ़ाने का प्रबल विरोध करता है। उन्होंने ये मांग की कि सभी तरह के कॉन्ट्रैक्ट, फिक्स्ड टर्म, कैजुअल, डेली वेज, अस्थायी कामगारों को रेगुलर करना चाहिए और उन्हें स्थायी रोजगार देना चाहिए। इसके अलावा भारतीय मजदू़र संघ ने व्यक्तिगत आयकर छू़ट की सीमा बढ़ाकर 8 लाख रुपये तक करने की मांग भी की है।

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भारतीय मजदूर संघ के महासचिव ने कहा कि प्रत्यक्ष विदेशी निवेश और प्रतिरक्षा क्षेत्र का कॉरपोरेटीकरण राष्ट्रीय सुरक्षा का मामला है। रेलवे का भी कॉरपोरेटीकरण रोका जाना चाहिए जो कि देश की जीवनरेखा है। संगठन ने मोदी सरकार के इस प्रयास का विरोध किया है, जिसमें मौजूदा श्रम कानूनों को चार कोड में सीमित करने का प्रयास किया जा रहा है। संगठन ने आरोप लगाया है कि देश की नौकरशाही ने उद्योगपतियों के साथ एक गठजोड़ कायम कर लिया है ताकि मजदूरों के हकों को दबाया जा सके।

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