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कोरोना महामारी रोकने का एकमात्र रास्ता नज़र आ रहा है, वो ये है कि इसकी वैक्सीन बन जाये, जो फिलहाल मुश्किल नज़र आ रहा है. आपको बता दें कि ऐसे में ऑक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी की ओर से तैयार कोरोना वैक्सीन AZD1222 से उम्मीदें बढ़ गई हैं. यूरोप के कई देश ऑक्सफोर्ड की इस वैक्सीन के ट्रायल को सफल बनाने के लिए मदद कर रहे हैं.

वहीँ वॉशिंगटन पोस्ट की रिपोर्ट के मुताबिक, संभवत: यह इकलौती वैक्सीन है जो इस साल के अंत तक सफल घोषित हो सकती है. खास बात ये है कि ऑक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी की कोरोना वैक्सीन AZD1222 अन्य वैक्सीन कैंडिडेट के मुकाबले काफी आगे चल रही है. भारत सहित कई देशों में इस वैक्सीन का निर्माण हो रहा है. पश्चिम के कई देश इस वैक्सीन को सबसे अच्छा समझ रहे हैं.

गौरतलब है कि शुरुआती और कम लोगों पर किए गए ट्रायल में AZD1222 वैक्सीन का रिजल्ट अच्छा रहा है. बड़े ट्रायल में हजारों लोगों को वैक्सीन दी जा रही है जिनके नतीजे आना बाकी है. बड़े ट्रायल के लिए वैक्सीन की खुराक का उत्पादन इटली के रोम में एडवेंट कंपनी ने किया.रिपोर्ट के मुताबिक, AZD1222 वैक्सीन के लिए यूरोप के देश ऑक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी के सामने लाइन में लगे हैं.

वहीँ पिछले हफ्ते ही इटली, जर्मनी, फ्रांस और नीदरलैंड ने ऑक्सफोर्ड वैक्सीन की 40 करोड़ डोज के लिए डील की. बड़े ट्रायल के बाद अगर वैक्सीन को सरकारी एजेंसियों से मंजूरी मिल जाती है तो बहुत कम वक्त में AstraZeneca लाखों डोज का उत्पादन करेगी. अमेरिका और ब्रिटेन इस कंपनी से करार कर चुके हैं.

इटली के स्वास्थ्य मंत्री रॉबर्टो स्पेरंजा ने कहा कि हमारे साइंटिस्ट समझते हैं कि ऑक्सफोर्ड की वैक्सीन सबसे पहले आएगी. फिलहाल कोई अन्य कंपनी ये नहीं कह रही है कि इस साल के आखिर तक उनकी वैक्सीन आ जाएगी.

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