img

Tirupati Laddu Row: आंध्र प्रदेश में तिरुपति लड्डू विवाद का मामला शांत होने के साथ ही चीजें स्पष्ट होती नजर आ रही हैं।

तिरुपति तिरुमाला देवस्थानम (टीटीडी) के कार्यकारी अधिकारी द्वारा श्री वारी लड्डू तैयार करने में मिलावटी घी के इस्तेमाल से साफ इनकार करने और मुख्यमंत्री चंद्रबाबू नायडू के "पशु वसा" के इस्तेमाल के दावे का खंडन करने के बाद अब ध्यान इस बात पर केंद्रित हो गया है कि यदि ऐसा दावा किया गया है तो, गड़बड़ी कहां और कब हुई। साथ ही अब एक ऐसी बात सामने आई है जिससे आपके होश उड़ जाएंगे।

दिलचस्प बात ये है कि पूर्व टीटीडी बोर्ड में कम से कम छह सदस्य ऐसे थे जिनका संबंध भाजपा से था। पूर्व टीटीडी बोर्ड - जिसे आंध्र प्रदेश की एनडीए सरकार मिलावटी घी की आपूर्ति करने वाले विक्रेताओं को टेंडर स्वीकृत करने के लिए जिम्मेदार ठहरा रही है - उसमें कर्नाटक से भाजपा का एक विधायक भी सदस्य था।

बता दें कि अगस्त 2023 में तत्कालीन मुख्यमंत्री जगन मोहन रेड्डी के आदेश पर टीटीडी बोर्ड में 24 सदस्यों की नियुक्ति की गई थी। टीटीडी के सदस्य सभी प्रशासनिक कामों की देखरेख करता है, जिससे मंदिर संचालन एवं भक्तों के लिए सेवाओं का प्रभावी प्रबंधन करना होता है।