Tirupati Laddu Row: नवगठित तिरुमाला तिरुपति देवस्थानम (टीटीडी) ने अपनी पहली बैठक में कुछ अहम फैसले लिए हैं, जिसमें गैर-हिंदू कर्मचारियों के लिए स्वैच्छिक सेवानिवृत्ति (वीआरएस) या आंध्र प्रदेश के अन्य सरकारी विभागों में स्थानांतरण का विकल्प प्रस्तुत किया गया है। यह निर्णय तिरुपति में स्थित तिरुमाला वेंकटेश्वर मंदिर के प्रबंधन से संबंधित है, जो विश्व के सबसे अमीर हिंदू मंदिरों में से एक है।
बैठक में टीटीडी ने दर्शन के समय को दो से तीन घंटे कम करने के लिए एक विशेषज्ञ पैनल गठित करने की योजना बनाई, और मंदिर परिसर में राजनीतिक बयानों पर प्रतिबंध लगाने का भी निर्णय लिया। इसके अलावा, लड्डू बनाने के लिए उच्च गुणवत्ता वाले घी की खरीद पर जोर दिया गया है।
टीटीडी ने राज्य सरकार को पत्र लिखकर गैर-हिंदू कर्मचारियों के पुनर्वास के लिए उचित निर्णय लेने का भी आग्रह किया है। इसके साथ ही एपी पर्यटन निगम के 'दर्शन' कोटे में गड़बड़ियों की जांच के बाद इसे समाप्त करने का निर्णय लिया गया है।
बोर्ड के सदस्यों की चिंताओं के बीच, टीटीडी ने अपनी सभी जमाराशियों को निजी बैंकों से राष्ट्रीयकृत बैंकों में स्थानांतरित करने का भी निर्णय लिया है। इसके अतिरिक्त, प्रसाद तैयार करने के लिए बेहतर गुणवत्ता वाले घी की खरीद के लिए नए निविदा जारी करने की संभावना पर चर्चा की गई है। यह कदम तब उठाया गया जब सत्तारूढ़ टीडीपी सरकार ने लड्डू 'प्रसादम' की सामग्री की "शुद्धता" पर सवाल उठाया था।
इस प्रकार, टीटीडी द्वारा उठाए गए ये कदम मंदिर के प्रबंधन में पारदर्शिता और गुणवत्ता सुनिश्चित करने की दिशा में अहम माने जा रहे हैं।
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