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दो जून की शाम के करीब सात बज रहे थे। ट्रेन में लोग कर रहे थे। कोई अपने घर तो कोई किसी यात्रा पर निकला हुआ था। किसी ने सोचा नहीं था कि ये शाम इतनी भयानक होगी कि जिंदगी का अंत हो जाएगा। अचानक रेलवे ट्रैक पर तीन ट्रेनें आपस में टकरा गई और चारों तरफ चीख पुकार मच गई। ओडिशा के इस रेल हादसे में 275 से ज्यादा लोगों की जान गई। जिसके बाद अब जांच की जा रही है कि आखिर ये हादसा हुआ कैसे। ओडिशा रेल हादसे में अब एक नई चीज निकल कर सामने आई है।

कोरोमंडल एक्सप्रेस ट्रेन के लिए अचानक लूप और अप लाइन के सिग्नल रेड हो गया था। ट्रेनों का ब्लॅक बॉक्स कहे जाने वाले डेटा लॉकर्स ये जानकारी हाथ लगी है।

डेटा लॉकर्स के अनुसार होम और आउटर दोनों सिग्नलों पर ग्रीन लाइन दी गई थी। फिर अचानक से अप लाइन पर सिग्नल रेड हो गया। इसके बाद लूप लाइन पर भी सिग्नल रेड हो गया। कोरोमंडल एक्सप्रेस लाइन से लूपलाइन पर चली गई थी और वहाँ पहले से खड़ी मालगाडी गाड़ी से टकरा गई थी।

ट्रेन के कुछ डिब्बे डाउन लाइन पर भी चले गए थे और उस लाइन पर चल रही यशवंतपुर हावड़ा ट्रेन से टकरा गई। ये हादसा सबसे भीषण रेल हादसों में से एक है।

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