यूपी किरण डेस्क। भारत ने एक बार फिर संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद की मौजूदा व्यवस्था पर गंभीर सवाल उठाया है। संयुक्त राष्ट्र में भारत की स्थायी प्रतिनिधि रुचिरा कंबोज ने सवाल किया है कि संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद रूस-यूक्रेन युद्ध को रोकने में क्यों असफल रहा? भारत ने संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद की व्यवस्था में बदलाव की मांग की है। रुचिरा कंबोज संयुक्त राष्ट्र की आम सभा की बैठक में बोल रही थी। उन्होंने कहा कि जब तक सुरक्षा परिषद में बदलाव नहीं होगा तब तक सुरक्षा परिषद की विश्वसनीयता सवालों के घेरे में रहेगी।
यूएन में भारत की स्थायी प्रतिनिधि रुचिरा कंबोज ने कहा कि रूस-यूक्रेन युद्ध के दो साल बीत चुके हैं। ऐसे में हम संयुक्त राष्ट्र सदस्य देशों को खुद से पूछने की जरूरत है कि क्या निकट भविष्य में इस संकट का समाधान निकल सकता है? यदि नहीं निकल सकता तो फिर संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद के क्या मायने ? रुचिरा कंबोज ने कहा कि सुरक्षा परिषद का गठन अंतरराष्ट्रीय स्तर पर शांति और सुरक्षा के लिए किया गया था, लेकिन ये संस्था मौजूदा संघर्षों को सुलझाने में पूरी तरह से नाकाम साबित हुई है।
रुचिरा कंबोज ने भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के उस बयान को भी दोहराया, जिसमें उन्होंने रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन से कहा था कि ये युद्ध का युग नहीं है। कंबोज ने कहा कि यूक्रेन के हालात को लेकर भारत चिंतित है। हम लगातार इस बात पर जोर दे रहे हैं समस्या का हल बातचीत से निकले। कंबोज ने कहा कि कूटनीतिक तरीके से ही शांति संभव है और इसके लिए सभी पक्षों के बीच बातचीत होनी चाहिए। रुचिरा कंबोज ने कहा कि जब तक संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में बदलाव नहीं होंगे तब तक सुरक्षा परिषद की विश्वसनीयता सवालों के घेरे में रहेगी।
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