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खून—खराबा सदियों कई हिंसा— प्रदर्शन जैसे मुदृदों का कारण बना है। लेकिन क्या आप जानतें है कि, दु​निया के उस अनोखे देश के बारे में जहां बात—बात बहस नहीं खून बहा दिए जातें है। जी हां हम बात कर रहें है। सूडान देश कि, जी हां दरअसल आपको बताते चलें कि, दुनिया के कई देश इस वक्त हिंसा की आग में जल रहे हैं।

ऐसा ही एक देश अफ्रीका में है जिसे दुनिया सूडान के नाम से जानती है

ऐसा ही एक देश अफ्रीका में भी है। जिसे दुनिया सूडान के नाम से जानती है। यहां ब्लू नाईल राज्य में रविवार को दो आदिवासी समूहों के बीच हिंसा भड़क गई थी। जिसमें 65 लोगों की मौत हो गई। और एक बार फिर सिर्फ और सिर्फ हिंसा को लेकर सूडान खबरों में आ गया।

ब्लू नाईल की बात करें, तो यह सूडान के दक्षिणी हिस्से में स्थित एक प्रांत है। यहां हौसा और ब्रीता नामक दो समूहों के बीच हुई हिंसा में 150 लोग घायल भी हुए हैं। इस बात की जानकारी स्वास्थ्य मंत्री जमाल नासिल अल सईद ने दी है।

जातीय हिंसासंयुक्त राष्ट्र भी हिंसा

जब इस देश में अक्टूबर 2021 में तख्तापलट हुआ था, तब स्थिति बेहद खराब हो गई थी। संयुक्त राष्ट्र की तरफ से कहा गया कि सूडान के अधिकारी मामले को नियंत्रित करने में विफल रहे हैं और इसी वजह से कानून एवं व्यवस्था को बहाल करना मुश्किल है।

जिन लोगों की मौत हुई है, उनमें से अधिकतर युवा हैं। इन्हें या तो गोली मारकर मारा गया है या फिर पीछे से छूरा भोंपा गया है। इतने ज्यादा हालात बिगड़ने के बावजूद सरकार ने लोगों से शांत रहने को कहा है। गंभीर रूप से घायल हुए लोगों को इलाज के लिए राष्ट्रीय राजधानी खारतूम के अस्पतालों में ले जाया गया है।

ब्लू नाईल राज्य में जीवन रक्षक दवाओं और अडवांस उपकरणों की कमी है। वहीं ये हालिया हिंसा अल दमाजीन और अल रोजियर्स में रहने वाले लोगों के बीच हुई है। यह सूडान के वो हिस्से हैं, जो हिंसा के चलते संयुक्त राष्ट्र (यूएन) का भी सिर दर्द बने हुए हैं।

एक दूसरे के खून के प्यास हुए लोग

इस बीच एक सवाल जो बाकी दुनिया के जहन में आना लाजमी है, वह ये है कि भला यहां लोग एक दूसरे एक खून के आखिर इतने प्यासे क्यों हैं। अल दमाजीन सूडान के दक्षिणपूर्वी हिस्से में पड़ता है। अल दमाजीन के पूर्व में रोजियर्स बांध है, और इसी की वजह से यहां सिंचाई का काम संभव हो पाता है।

अल दमाजीन ब्लू नाईल राज्य की राजधानी है और तेजी से बढ़ता शहर भी। यहां आटे की चक्की हैं, चीनी रिफाइनरी हैं और कई तेल मिलें भी हैं। ये जगह सड़क और रेलवे के माध्यम से अल-जराफे, सिनजहान और सानार से जुड़ी हुई है।

भूमि की देखरेख के कारण भड़की हिंसा

हिंसा तब भड़की, जब ब्रीता जनजाति ने भूमि की देखरेख के लिए एक नागरिक प्राधिकरण बनाने के हौसा के अनुरोध को स्वीकार करने से इनकार कर दिया। ब्रीता समुदाय के अनुसार, जब भूमि को लेकर हौसा की तरफ से हिंसा शुरू की गई, तब ब्रीता ने इसका जवाब देने के लिए कदम उठाए।

सूडान के ब्लू नाईल और कीसान क्षेत्र सबसे अधिक अशांत हैं। ब्लू नाईल के अल दमाजीन और अल रोजियर्स अकसर हिंसा का शिकार बनते हैं। वर्तमान में इन इलाकों में सुरक्षा व्यवस्था बहाल करने के लिए कर्फ्यू लगाया गया है। इसके साथ ही यहां सेना को भी तैनात किया गया है।

जातीय हिंसा से जुड़ा रहा है सूडान का इतिहास

स्थानीय मीडिया का कहना है कि जब से हिंसा शुरू हुई है, हजारों लोग अपने घरों को छोड़कर चले गए हैं। सूडान का इतिहास हमेशा से ही जातीय हिंसा से जुड़ा रहा है। जब इस देश में अक्टूबर 2021 में तख्तापलट हुआ था, तब स्थिति बेहत खराब हो गई थी। संयुक्त राष्ट्र की तरफ से कहा गया कि सूडान के अधिकारी मामले को नियंत्रित करने में विफल रहे हैं और इसी वजह से कानून एवं व्यवस्था को बहाल करना मुश्किल है।

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